डेयरी टुडे नेटवर्क
गाजियाबाद, 31 जुलाई 2017
क्रासिंग रिपब्लिक सोसाइटी के एक फ्लैट में नकली घी की फैक्टरी का भंडाफोड़ हुआ है। रिफाइंड, वनस्पति घी और सेंट मिलाकर घी बनाकर बेचा जा रहा था। फैक्टरी चलाने वालों की क्रासिंग रिपब्लिक और नोएडा में दुकानें हैं, जहां पर वो घी बेचते थे। खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग ने नौ नमूने लिए हैं। ये लोग पिछले चार साल से यह गोरखधंधा चला रहे थे। पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग को सूचना मिली की कि क्रासिंग रिपब्लिक में नकली घी बनाने की फैक्ट्री चल रही है। सूचना पर टीम यहां की क्लीमेंट सोसाइटी के फ्लैट नंबर पांच पर पहुंची, जहां घी बनाया जा रहा था। मौके से 250 किलोग्राम नकली घी बरामद की किया है। ये लोग वनस्पति घी, रिफाइंड और घी का सेंट मिलाकर नकली घी तैयार करते थे। मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी मनोज तोमर ने बताया कि यहां से घी के आठ और सेंट का एक नमूना लिया गया है। सभी को जांच के लिए भेजा गया है।
नामी कंपनियों के रैपर लगाकर बेचते थे
मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी मनोज तोमर ने बताया कि यह फैक्टरी विमल अग्रवाल चला रहे थे। नकली घी अमूल, पतंजलि, मदर डेयरी, पारस, आनंदा जैसी नामी कंपनियों के रैपर लगाकर बेचे जा रहे थे। मौके से इन कंपनियों के रैपर भी मिले हैं, उन्हें जब्त कर लिया गया है। साथ ही इन कंपनियों के प्रतिनिधियों को भी बुला लिया गया, ताकि कार्रवाई की जा सके। मदर डेयरी के एक अधिकारी जितेंद्र ने मौके पर आकर पुष्टि की है कि रैपर उनकी कंपनी के नाम का है लेकिन यह नकली बनाया गया है। अन्य कंपनियों के रैपर भी नकली होने की आशंका है। ऐसे में विभाग अन्य कंपनियों से भी संपर्क करने में जुटा है। आरोपियों के खिलाफ कॉपीराइट एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराया जा रहा है।
माल खपाने के लिए दुकानें भी खोलीं
नकली देसी घी को खपाने के लिए दो दुकानें भी खोली गईं। एक दुकान क्रासिंग रिपब्लिक की ग्रेसिया-2 सोसाइटी और एक दुकान नोएडा में है। इसके अलावा दिल्ली समेत एनसीएर का दूसरे शहरों में भी ये माल सप्लाई करते थे। तोमर ने बताया कि पूछताछ में पता चला है कि जितनी मांग होती थी, उसी हिसाब से नकली देसी घी तैयार किया जाता था। तोमर ने बताया कि ये फैक्ट्री विमल अग्रवाल चला रहे थे।
शौचालय में भी बनाते थे घी
मौके पर जब छापेमारी की गई तो टीम ने वहां देखा कि फ्लैट के शौचालय में भी घी बनाने का काम चल रहा था। मिलावट का सामान बड़े बर्तनों में यहां-वहां रखा था और नकली देसी घी बनाया जा रहा था।
नकली घी से हो सकता है कैंसर
डॉक्टरों के मुताबिक लगातार नकली घी खाने से कैंसर हो सकता है, वनस्पति घी व रिफाइंड बहुत घातक नहीं है, लेकिन नकली घी में मिलाया जाने वाला सेंट खतरनाक है। इसके लगातार सेवन से कैंसर तक हो सकता है।
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