BY नवीन अग्रवाल
गाजियाबाद, 01 अगस्त 2017,
डेयरी के सुल्तान में हम बता रहे हैं दिल्ली के रहने वाले चिराग अग्रवाल और वैभव अग्रवाल की सफलता की कहानी। चिराग ने अमेरिका से शिक्षा हासिल की वहीं वैभव ने दिल्ली के नामी संस्थान से मैनेजमेंट की पढ़ाई की। बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन के पुश्तैनी बिजनेस में जाने के बाजए दोनों भाइयों ने डेयरी खोलने की ठानी। पैंतीस वर्षीय बडे भाई चिराग का कहना है कि पढ़ाई के दौरान कई साल वो अमेरिका में रहे और वहां शुद्ध और ऑर्गेनिक दूध बिकते हुए देखा। इंडिया लौटने पर उन्हें यहां का दूध अच्छा नहीं लगा। दूध गाय का है या भैंस का पता नहीं चलता था और कहीं इसमें मिलावट तो नहीं इसका भी भय बना रहता था। बस यहीं से चिराग के मन में आया वो यहां पर यूरोपीय देशों की तरह मार्डन डेयरी फार्म स्थापित करेंगे और लोगों को गाय का शुद्ध और स्वच्छ दूध उपलब्ध कराएंगे। उनके इस आइडिया में भागीदार बने छोटे भाई वैभव अग्रवाल जिन्होंने दिल्ली से ही मैनेजमेंट की डिग्री हासिल की थी।
दोनों भाइयों ने मिलकर दिल्ली-एनसीआर के निकट बुलंदशहर के एक गांव में जमीन खरीदी और नौ एकड़ की जमीन पर स्थापित कर दिया आधुनिक डेयरी फार्म। वैभव ने बताया की करीब तीन साल पहले 80 हॉलिस्टियन फ्रीशियन गायों से डेयरी फार्म की शुरुआत की थी। हॉलिस्टियन फ्रीशियन एक विदेशी नस्ल है। ये गाय रोजाना 40 से 50 लीटर दूध देती है, लेकिन होती बहुत संवेदनशील है। ठंडे देशों की इस गाय को भारत के वातावरण में रखने के लिए काफी देखभाल की जरूरत होती है। वैभव ने अपने डेयरी फार्म पर पंखे लगवाए हैं साथ ही गायों को खेतों के बीचोंबीच स्थित फार्म में रखने के लिए काफी इंतजाम किए हैं।
डेयरी फार्म में गायों को आर्गेनिक चारा खिलाया जाता है और ये हरा चारा पास में ही लीज पर लिए गए पचास एकड के खेतों में उगाया जाता है। वैभव के मुताबिक ये गायें रोजाना पचास किलो चारा और साइलेज खाती हैं। गायों को बांध कर नहीं रखा जाता है और इन्हें पूरे फार्म में घूमने दिया जाता है। इसके पीछे तर्क है कि जब गायें स्वच्छंद घूमती हैं और चरती हैं तो उनके दूध की क्वालिटी काफी अच्छी हो जाती है।
डेयरी फार्म में हाइजीन का खासा ख्याल रखा जाता है। जहां एक तरफ गायों के स्वास्थ्य की देखभाल के लिए अलग से पशु चिकित्सक को तैनात किया गया है वहीं गायों की सेवा के लिए करीब बीस लोगों का स्टॉफ भी रखा है। यहां मशीन के जरिए दूध निकाला जाता है और फिर चिलिंग सेंटर में ठंडा करके पैक भी किया जाता है। और चार घंटे के भीतर इस पैक्ड दूध को दिल्ली, गाजियाबाद, नोएडा, गुडगांव के तमाम इलाकों में सप्लाई किया जाता है। वैभव के मुताबिक तीन वर्षों में उनके फार्म में गायों की संख्या 80 से 200 पहुंच गई है और यहां रोजना दो हजार लीटर से ज्यादा दूध का उत्पादन होता है।
दोनों भाई OLECHE ORGANIC COW MILK ब्रांड के नाम से दूध बेचते हैं। इनके ओलेच ब्रांड के ऑर्गेनिक दूध की मांग पूरे दिल्ली-एनसीआर में है। वैभव बताते हैं साउथ दिल्ली, वसंत कुंज, गुडगांव, नोएडा और गाजियाबाद के इंदिरापुरम, वैशाली, वसुंधरा में ओलेच आर्गेनिक मिल्क काफी बिकता है। इन्होंने अपने दूध की कीमत 63 रुपये प्रति लीटर रखी है, जबकि गाय का ऑर्गेनिक देसी घी 900 रुपये प्रति लीटर और पनीर 360 रुपये प्रति किलोग्राम बिकता है।
ऐसा नहीं है कि चिराग और वैभव को ऑर्गेनिक काउ मिल्क का डेयरी फार्म संचालित करने में दिक्कतें नहीं आती। अग्रवाल भाइयों के मुताबिक यूपी सरकार और स्थानीय प्रशासन की तरफ से उन्हें डेयरी फार्म चलाने में अपेक्षित सहयोग नहीं मिलता है। इलाके में हरे चारे की काफी कमी है, पशुओं के कुशल डॉक्टर नहीं मिलते हैं इसके साथ ही यूपी में गायों के प्रजनन के लिए सीमन पर सब्सिडी नहीं है। उन्हें सीमन के लिए पंजाब पर निर्भर रहना पडता है। इतना सब होने के बाद भी दोनों भाइयों का हौसला बुलंद है और वो जल्द ही अपने फार्म का विस्तार कर गायों की संख्या पांच सौ करने की कोशिश में लगे हैं। वैभव के मुताबिक आज उन्हें कुछ ज्यादा मुनाफा नहीं हो रहा है लेकिन उन्हें विश्वास है कि ऐसे ही लोगों का साथ मिलता रहा तो वो दिन दूर नहीं वो दिल्ली-एनसीआर के हर घर में गाय का शुद्ध का स्वच्छ दूध सप्लाई करेंगे और किसी दूसरे बिजनेस से ज्यादा मुनाफा भी कमाएंगे। इन भाइयों के डेयरी बिजनेस के तरीके से साफ है कि यदि आधुनिक तरीके से डेयरी का संचालन किया जाए और खुद ही दूध की मार्केटिंग की जाए तो ये कहीं से भी घाटे का सौदा नहीं है।
साथियों अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी तो इसे अपने दोस्तों और डेयरी से जुड़े लोगों को शेयर जरूर करें, और हमारे फेसबुक पेज dairytoday.in पर LIKE करें। डेयरी इंडस्ट्री की हर खबर से अपडेट रहने के लिए रोजाना हमारी वेबसाइट www.dairytoday.in पर विजिट करें और FACEBOOK पर हमारे ग्रुप INDIAN DAIRY TODAY NEWS से जुड़ें। धन्यवाद
14680total visits.
Sir apke नंबर mil sakte he..
I Have a Dairy same like this n more thankyou 300 cow, I want to visite ur Dairy
Chor hain – Meerut ke collection agent SE laake doodh bechte hain…. Inka farm aur supply dekh lo…poora game chala rahen hai… Inke mama ki poori mehnat paani mein
sir pls snd ur cont no i am also intresterd to open dairy farm
I am veterinary compunder cum manager at dairy farm 5 years experince in dairy farm
Good job
Good work