डेयरी टुडे नेटवर्क
महाराजगंज(यूपी), 31 अगस्त 2017,
उत्तर प्रदेश के महाराजगंज जिले के लोगों को शुद्ध दूध उपलब्ध कराना बड़ी चुनौती है। दुग्ध समस्या को दूर कराने में केंद्र सरकार की डेयरी उद्यमिता विकास योजना कारगर साबित हो सकती है। बैंक, किसान व उद्यमी मिलकर कार्य करें तो जिला दुग्ध के क्षेत्र में मुख्य केंद्र बन सकता है। यह बातें राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक द्वारा बुधवार को अग्रणी बैंक सभागार में आयोजित डेयरी उद्यमिता विकास योजना विषयक जिला स्तरीय कार्यशाला को संबोधित करते हुए दुग्ध निरीक्षक ब्रजेश कुमार गुप्ता ने कही। उन्होने कहा कि दुग्ध व्यवसाय से जुड़ कर किसान अपनी आय बढ़ा सकते हैं।
इस मौके पर नाबार्ड के जिला विकास प्रबंधक रविशंकर ने कहा कि डेयरी उद्यम को अपना कर किसान आत्मनिर्भर हो सकते हैं तथा अपने व अपने परिवार के सदस्यों के जीवन स्तर को सुधार सकते हैं। बैंककर्मी कलस्टर मोड में डेयरी क्षेत्र को विकसित करने के लिए भरपूर सहयोग प्रदान करें। पशुपालन एवं डेयरी के अपनाकर किसान 2022 तक अपनी आय को दोगुना करने की परिकल्पना को साकार कर सकते हैं। पूर्वांचल बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधक आरके पांडेय ने कहा कि डेयरी के क्षेत्र से किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में हरसंभव प्रयास किया जाएगा। अग्रणी बैंक के मुख्य प्रबंधक अनिल कुमार निगम ने कहा कि जिले के किसानों की समृद्धि के लिए नाबार्ड निरंतर प्रयास कर रहा है। किसान उसका लाभ उठाएं।
कार्यशाला को संबोधित करते हुए स्टेट बैंक के मुख्य प्रबंधक मो. अफजल उल इस्लाम ने कहा कि कृषि प्रधान जिला होने के कारण बैंक किसानों को प्राथमिकता के आधार पर ऋण उपलब्ध कराने में अहम भूमिका निभाता है। कार्यशाला में पूर्वांचल बैंक के शाखा प्रबंधक आईपी यादव, इलाहाबाद बैंक के शाखा प्रबंधक राजकृष्णा नीरज, यूनियन बैंक के शाखा प्रबंधक परीक्षित वर्मा, पनंजाब नेशनल बैंक के संतोष कुमार, आरसेटी के निदेशक संतबक्श, वित्तीय साक्षरता केंद्र के एके श्रीवास्तव, आलोक, अजय समेत डेयरी व प्रगतिशील खेती से जुड़े किसान मौजूद रहे।
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कोई भी बैंक लोन नहीं देता यह बाते सिर्फ हवा हवाई साबित होती है
nice work