डेयरी टुडे नेटवर्क,
नई दिल्ली, 1 जुलाई 2019,
डेयरी कंपनियों और डेयरी सहकारी समितियों ने पिछले तीन महीनों में दूध के खरीद दाम में 5 से 6 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की है, लेकिन अभी 2 से 3 रुपये प्रति लीटर तक खरीद दाम और बढ़ सकते हैं। इसके पीछे पानी की कमी और चारे की ऊंची कीमतों को प्रमुख कारण बताया जा रहा है। भारत की तमाम बड़ी डेयरी कंपनियों के अधिकारियों का कहना है कि इस बढ़ोतरी से दूध की उपभोक्ता कीमतों में बदलाव होने की संभावना नहीं है। इन कंपनियों ने दूध उत्पादन में कमी के लिए चारे की बढ़ी कीमतों और पानी की कम उपलब्धता को कारण बताया।
नवभारत टाइम्स की खबर के मुताबिक अमूल डेयरी के एमडी आर एस सोढ़ी ने बताया कि अभी भी उपभोक्ता कीमतों में बढ़ोतरी के बगैर किसानों के लिए कीमतों में 2-3 रुपये प्रति लीटर बढ़त की गुंजाइश है। सोढ़ी ने बताया कि मार्च से किसानों को दी जाने वाली कीमत 5-6 रुपये प्रति लीटर बढ़ाई जा चुकी है जबकि, उपभोक्ता कीमतों में सिर्फ 2 प्रति लीटर की वृद्धि है। उन्होंने कहा कि अधिक कीमत मिलने से किसान ज्यादा उत्पादन करने के लिए प्रोत्साहित होंगे। सोढ़ी ने बताया कि अब कमोडिटी की कीमतों में मजबूती आने से किसानों के लिए दाम भी बढ़ेंगे। पिछले एक साल में डी-आयल्ड राइस ब्रान की कीमत 86 पर्सेंट बढ़कर 16,700 रुपये प्रति टन, कॉर्न ग्लूटेन फीड की 86 पर्सेंट बढ़कर 21,400 रुपये प्रति टन हो गई है और मक्का की 54 पर्सेंट बढ़कर 21,600 रुपये प्रति टन पर पहंच गई है। इससे डेयरी, आइसक्रीम और चीज कंपनियों का मार्जिन कम हुआ है।
लैक्टेलिस इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर राहुल कुमार ने कहा कि अगर मॉनसून रफ्तार पकड़ता है और पानी की उपलब्धता अच्छी रहती है तो उपभोक्ता कीमतों में बढ़ोतरी की कम उम्मीद है। लेकिन अगर ऐसा नहीं होता है तो कीमतों को बढ़ाने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं है। फ्रेंच कंपनी लैक्टेलिस के पास तिरुमला मिल्क प्रॉडक्ट्स, अनीक इंडस्ट्रीज और महाराष्ट्र की प्रभात डेयरी का मालिकाना हक है। कुमार ने बताया कि पिछली साल गर्मी की शुरुआत की तुलना में इस साल दूध की खरीद में 10-15 पर्सेंट की गिरावट हुई है। इस साल 1 जून से शुरू हुए मॉनसून सीजन की बारिश में सामान्य से 36% की कमी है।
चेन्नई की हैटसन एग्रो प्रॉडक्ट्स के मैनेजिंग डायरेक्टर आर जी चंद्रमोगन ने बताया कि स्थिति गंभीर है लेकिन हम एक हफ्ते के अंदर कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु में बारिश की उम्मीद कर रहे हैं जिससे कुछ राहत मिल सकती है। उन्होंने कहा कि दूध की खरीद का दाम बढ़ाने के बावजूद हमने दूध की सप्लाई में कमी देखी है। कुमार ने बताया कि स्किम्ड मिल्क पाउडर (SMP) का दाम मार्च में 230 रुपये प्रति किलोग्राम था जो अब बढ़कर 270 रुपये प्रति किलोग्राम हो गया है। इसी अवधि में बटर की कीमत भी 240 रुपये प्रति किलोग्राम से 290 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई हैं। गर्मियों में सप्लाई कम होने पर लिक्विड मिल्क तैयार करने के लिए SMP का उपयोग किया जाता है। पिछले कुछ महीनों में दूध की खरीद कीमत 6 रुपये प्रति लीटर बढ़ने और महाराष्ट्र सरकार की तरफ से दूध किसानों से सब्सिडी वापस लेने के कारण डेयरियों के लिए कारोबार में दबाव काफी बढ़ गया है।
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