डेयरी टुडे नेटवर्क,
बेगूसराय, 23 जून 2019,
केंद्र की मोदी सरकार 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने को लेकर पूरी तरह से संकल्पति है। यह बात केंद्रीय पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन मंत्री गिरिराज सिंह ने रविवार को आईओसी बरौनी के गेस्ट हाउस में पत्रकारों से बात करते हुए कही। उन्होंने कहा कि पशुपालन, मछली पालन और डेयरी को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने डेयरी, पशुपालन और मत्स्य पालन का अलग मंत्रालय बनाया है।
श्री गिरिराज सिंह ने कहा कि डेयरी सेक्टर की बड़ी समस्या बाछा है। इसके लिए प्रथम चरण में गिर नस्ल की बछिया का 22 लाख डोज सीमेन मंगाया जा रहा है। पशुओं में सेरोगेट मदर टेक्नोलॉजी के लिए ईटी टेक्नोलॉजी शुरू हो रही है। देश में करीब 20 करोड़ गाय-बैल और दस करोड़ भैंस हैं जिसमें से छत्तीसगढ़, झारखंड और महाराष्ट्र के नॉनडिस्क्रिप्ट नस्ल की गाय का सुधार होना है। पशुओं में भी ईवीएफ टेक्नोलॉजी का सहारा लिया जा रहा है। मत्स्य पालन में बिहार को अग्रणी बनाने के लिए बायो प्लस टेक्नोलॉजी को बढ़ावा दिया जाएगा। पूरे देश में बकरी, भेड़ और सुअर पालन को बढ़ाने तथा उच्च नस्ल उपलब्ध करवाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि जीडीपी में कृषि का योगदान दो से तीन प्रतिशत है, जबकि डेयरी का 6.4 प्रतिशत और मछली का सात प्रतिशत है। 2016-17 में देश में एक लाख 65 हजार 304 करोड़ रुपये के गेहूं और दो लाख 53 हजार नौ सौ दो करोड़ रुपए के धान का उत्पादन हुआ था जबकि दूध का उत्पादन 6 लाख 14 हजार तीन सौ 87 करोड़ सैलाब का था। केंद्रीय डेयरी मंत्री ने बताया कि देसी गाय को बढ़ावा देने के लिए 40 लीटर से अधिक दूध देने वाले भारत की ही नस्ल का इम्ब्रायो ब्राजील से लाने का करार हो गया है।
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