डेयरी टुडे नेटवर्क,
नई दिल्ली, 25 जुलाई 2019,
केंद्रीय डेयरी, पशुपालन और मत्स्य मंत्री गिरिराज सिंह ने देश में दूध और दूध से बने उत्पादों में मिलावट पर चिंता जाहिर की है। बुधवार को दिल्ली में क्वालिटी मिल्क प्रोग्राम पर आयोजित वर्कशॉप को संबोधित करते हुए गिरिराज सिंह ने कहा कि दूध और अन्य डेयरी उत्पादों में मिलावट को रोकने के लिए सजा सहित कड़े प्रावधान करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि सरकार डेयरी उद्योग के लिए लागू वर्तमान गुणवत्ता मानकों की समीक्षा करेगी।
दिल्ली के पूसा में दूध की गुणवत्ता पर आयोजित एक सम्मेलन में राज्यों के प्रिंसिपल सेक्रेट्री,स्टेट कोऑपरेटिव के अधिकारिओं और किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि डेयरी उद्योग को दूध की गुणवत्ता पर ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि दूध संग्रह से प्रसंस्करण तक हर स्तर पर मिलावट की जांच करने के लिए टेक्नोलॉजी के उपयोग की जरुरत है। उन्होंने कहा कि दूध में मिलावट से निपटने के लिए 18 राज्यों में केन्द्रीय दूध परीक्षण प्रयोगशाला की स्थापना की जायेगी तथा 313 डेयरियों में दूध जांच उपकरण लगाए जाएंगे। दूध और अन्य डेयरी उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार पर जोर देते हुए, उन्होंने कहा कि मिलावट की जांच के लिए केंद्र सरकार के साथ-साथ राज्यों, एफएसएसएआई और भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) द्वारा सख्त नीति बनाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि कुछ स्थानों में दूध में मिलावट की जाती है और इसके लिए किसानों को बदनाम किया जाता है।
श्री गिरिराज सिंह ने कहा कि दूध के बम्पर घरेलू उत्पादन को देखते हुए दूध के आयात की अनुमति देने का कोई प्रस्ताव नहीं है। भारत दूध उत्पादन में नंबर एक है। दूध उत्पादन का अनुमान 187.86 मिलियन टन है। उन्होंने कहा कि पिछले पांच वर्षों में दुग्ध उत्पादन में 50 मिलियन टन की वृद्धि हुई है।
उन्होंने कहा कि पशुपालन को बढ़ावा दिए बगैर किसानों की आय दोगुनी नहीं की जा सकती है। उन्होंने कहा कि मंत्रालय जल्द ही पशुधन में लिंगानुपात में सुधार करने के साथ-साथ पशुधन की नस्ल में सुधार करने के लिए एक नीति बनाएगा। सरकार ने दुधारु पशुओं में नस्ल सुधार के माध्यम से दूध उत्पादन बढ़ा कर किसानों की आय बढ़ाने के लिए वर्ष 2025 तक 70 फीसदी देसी गायों और भैंस में कृत्रिम गर्भाधान कराने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
डेयरी मंत्री गिरिराज सिंह ने देश में श्वेत क्रांति के लिए सहकारिता क्षेत्र की सराहना करते हुए कहा कि किसानों को और दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए जागरूक करना चाहिए तथा डेयरियों को दूध मूल्य का भुगतान हर सप्ताह करना चाहिए। देश में दूध की उपलब्धता 375 ग्राम प्रति व्यक्ति पहुंच गई है और इस क्षेत्र का विकास 6.4 फीसदी की दर से हो रहा है। उन्होंने कहा कि देश में मुंह पक खुर पक रोग के उन्मूलन के लिए व्यापक अभियान शुरु किया जायेगा।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि देश में तीस करोड़ जानवर हैं, जिनमें से सवा नौ करोड़ दुधारु जानवर हैं। पिछले 40 साल के दौरान करीब 30 फीसदी दुधारु पशुओं में कृत्रिम गर्भाधान का लक्ष्य हासिल किया जा सका है। सिंह ने कहा कि देश में अधिक से अधिक बछिया के जन्म के लिए सेक्स साटेड सिमेंन कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इसके तहत वर्ष 2020 तक 30 लाख डोज सिमेन उपलब्ध कराया जायेगा। इसमें से 20 लाख डोज देश में तैयार किये जायेेंगे जबकि 10 लाख डोज का आयात किया जायेगा। इस अवसर पर केंद्रयी डेयरी, पशुपालन और मत्स्य राज्य मंत्री संजीव कुमार बालियान समेत डेयरी मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।
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Mantri hisab nahi de raha he 12 mahina ka jo dudh ka ekxtra milta he wo khajata he
Rate bhuut jyada ho gya h consumer ke lie
so nice