डेयरी टुडे डेस्क,
नई दिल्ली, 8 जुलाई 2019,
भारतीय खुदरा और फैशन बाजार में फ्यूचर समूह बड़ा खिलाड़ी है। इसकी सुपरमार्केट श्रृंखलाएं पूरे देश में हैं। खाद्य उपभोक्ता वस्तुओं (एफएमसीजी/सीपीजी) के उत्पादन में भी यह समूह अग्रणी है। पिछले दिनों फ्यूचर ग्रुप ने न्यूजीलैंड की सबसे बड़ी डेयरी कंपनी फॉन्टेरा के साथ संयुक्त उपक्रम में डेयरी उत्पादों को बाजार में उतारा। शोध बताते हैं कि पांच साल में भारतीयों के भोजन में डेयरी पदार्थों का ग्राफ तेज गति से बढ़ेगा। इसे लेकर अमर उजाला में प्रकाशित फ्यूचर समूह के संस्थापक एवं सीईओ किशोर बियाणी से बातचीत के अंश।
सवाल-देश में पहले से जमे हुए डेयरी ब्रांड हैं। आप कैसे बाजार में जगह बनाएंगे?
किशोर बियाणी-हम डेयरी उत्पादों के बाजार में प्रतिस्पर्धा के लिए नहीं हैं। हम मानते हैं कि डेयरी बाजार का नया दौर ‘डेयरी 2.0’ शुरू हुआ है। यह नए उपभोक्ताओं का बाजार है, जो मुख्यत: शहरों में हैं। समूह नई पीढ़ी के लिए नए उत्पाद बना रहा है। 15 साल पहले ज्यादातर घरों में फ्रिज नहीं थे। किराना दुकानों और रिटेल चेन में डेयरी उत्पादों को संरक्षित रखने की सुविधाएं नहीं थीं। अब तो मल्टीपल-डोर फ्रिज हैं। ऐसे में कई उत्पाद जो पहले बाजार में नहीं उतारे जा सकते थे, आज उनकी जगह बन गई है। ‘डेयरी 1.0’ दूध और उससे बने तुरंत खप जाने वाले उत्पादों का दौर था। समूह ने सोच-समझकर इस बाजार में कदम रखा है।
सवाल-न्यूजीलैंड डेयरी उत्पादों में अव्वल है, इसलिए फ्यूचर समूह वहां की कंपनी के साथ मिलकर बाजार में आ रहा है। क्या ऐसी अन्य योजनाएं हैं?
किशोर बियाणी-बातें लगातार चलती रहती हैं। पिछले दिनों जापानी रिटेल चेन ‘7-इलेवन’ से बात हो रही थी। हम एफएमजीसी/सीपीजी बाजार में विस्तार कर रहे हैं। डेयरी उत्पादों से पहले समूह ने बीते तीन महीनों में स्नैक्स और डिटर्जेंट्स श्रेणी में भी कदम रखा।
सवाल-समूह की खुदरा सुपरमार्केट श्रृंखलाएं हैं। पिछले दिनों खबरें थी कि खरीदारों की संख्या गिर रही है, जो अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा संकेत नहीं है। आपका क्या अनुभव रहा?
किशोर बियाणी-ये मिलीजुली रिपोर्ट हैं। शहरी क्षेत्रों में हम जो आधारभूत जरूरतों वाली उपभोक्ता उत्पाद बेच रहे हैं, उसमें ऐसा कुछ नहीं दिख रहा। पैकेज गुड्स, एसी, टीवी, फैशन के महंगे और सस्ते उत्पादों की बिक्री में भले ही बहुत जोर नहीं है, परंतु खराब स्थिति भी नहीं है। बाजार पर ऊपर-नीचे होता रहता है।
सवाल-किराना और खाद्य पदार्थों के बाजार में डेयरी उत्पादों की खपत को लेकर आपके क्या अनुमान हैं?
किशोर बियाणी-खुदरा किराना और खाद्य पदार्थों में आठ से 10 फीसदी मार्केट डेयरी उत्पादों का है। यह छोटा हिस्सा नहीं है। इसके अलावा रोजमर्रा के किचन में 20 से 25 फीसदी उत्पादों का संबंध दूध या अन्य डेयरी उत्पादों से होता है। बदलते भारतीय समाज और तेजी से बढ़ती शहरी आबादी के बीच समूह अपने डेयरी उत्पादों की बिक्री की हिस्सेदारी को 70 फीसदी तक बढ़ाना चाहता है। इसे महत्वाकांक्षा कह सकते हैं।
सवाल-डेयरी उत्पादों के साथ समूह उपभोक्ताओं तक पहुंचने के लिए मार्केटिंग में क्या रणनीतिक बदलाव कर रहा है?
किशोर बियाणी-समूह उत्पादों को तैयार करते हुए भारतीय उपभोक्ताओं की पसंद के साथ उनकी जरूरत पर भी ध्यान दे रहा है। हमें लगता है कि शहरों की नई लाइफ स्टाइल में नए उत्पादों की जरूरत है। डेयरी मार्केट के साथ हम रणनीति बना रहे हैं कि लोगों के दरवाजे तक जाकर अपने उत्पाद पहुंचाएं। अगले एक साल में आपको हमारी मार्केटिंग में रणनीतिक बदलाव नजर आएंगे।
(साभार-www.amarujala.com)
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