डेयरी टुडे नेटवर्क,
झुंझनूं(राजस्थान), 26 सितंबर 2017,
झुंझनूं जिले के पशुपालकों के लिए खुश खबरी है। अब उनकी होलेस्टीन गाय मादा बछड़ी को ही जन्म देंगी। पुणे के एनजीओ बायफ पशुपालन विभाग के मध्य एक एमओयू होने वाला है जिसके तहत बायफ पशुपालन विभाग को मादा सोर्टेड सेक्स सीमन उपलब्ध कराएगा। इस सीमन से गाय मादा बछड़ी को ही जन्म देगी। झुंझुनूं को राजस्थान सरकार ने पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर चुना है। इस प्रोजेक्ट के लिए यह राजस्थान का पहला जिला है।
राजस्थान पशुधन विकास बोर्ड ने 11 सितंबर को पशुपालन विभाग झुंझुनूं के संयुक्त निदेशक को पत्र लिख कर सूचना दी है कि पुणे के बायफ डवलपमेंट रिसर्च फाउंडेशन को यह सीमन उपलब्ध करवाने की एनओसी प्रदान की गई है। बोर्ड ने पशुपालन विभाग को शीघ्र पत्र का जवाब देने के निर्देश दिए हैं। अब पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक या अन्य अधिकारी बायफ के उर्लीकंचन (पुणे) स्थित सीमन स्टेशन पर जाकर सीमन की क्वालिटी की जांच करेंगे। संतुष्ट होने पर बायफ पशुपालन विभाग के बीच एमओयू होगा।
इसके बाद विभाग को बायफ के उर्लीकंचन स्थित सीमन स्टेशन से सीमन कलेक्ट करना होगा। इससे पहले पशुपालन विभाग को राजस्थान पशुधन विकास बोर्ड की ओर से भेजे एमओयू की शर्तों का अध्ययन कर सहमति बोर्ड कार्यालय भिजवानी होगी।
इसबारे में तत्कालीन कलेक्टर प्रदीप कुमार बोरड़ को जानकारी मिली थी कि पुणे का बायफ डवलपमेंट रिसर्च फाउंडेशन मादा सोर्टेड सेक्स सीमन उपलब्ध करवाता है। इस पर बोरड़ ने पशुपालन विभाग को इसकी जानकारी जुटाने को कहा। इस पर विभाग ने पुणे स्थित लैब की विजिट कर जानकारी जुटाई। बायफ भारत के कई राज्यों में सीमन सप्लाई करता है और इसकी एक लेबोरेट्री जिंद (हरियाणा) में है।
पशुपालन विभाग के जिला पशु गर्भाधान प्रभारी डॉ. अशोक ढाका ने बताया कि शुरू में बायफ एक हजार सीमन डोज विभाग को उपलब्ध करवाएगा। इस सीमन से गर्भ धारण करवाने वाली गायों का चयन विभाग के पशु चिकित्सक करेंगे। एक सीमन डोज की कीमत एक हजार रुपए है जिसका ऑर्डर करने पर बायफ को विभाग अग्रिम भुगतान करेगा। इस सीमन का सही से उपयोग को लेकर विभाग योग्य पशु चिकित्सकों का चयन करेगा उन्हें प्रशिक्षण देगा। यह चिकित्सक फिल्ड में जाकर पशुओं का चयन कर गर्भ धारण करवाएंगे।
पशुपालन विभाग को गर्भस्थ गाय की डिटेल रिकॉर्ड में रखनी होगी। गाय को कब सीमन डोज दिया गया है, यह पूर्व में कितनी बार ब्या चुकी है इस बारे में विभाग टेग भी लगाएगा। टैगिंग में सभी प्रकार की उपयोगी डिटेल रहेगी। इस सीमन डोज से गर्भवती हुई गाय की जानकारी इस दौरान क्या ख्याल रखा जाए इसका एक फॉरमेट बायफ उपलब्ध करवाएगा जो विभाग को भरकर बायफ निदेशालय पशुपालन विभाग को भेजना होगा इससे वहां भी गाय की पूरी डिटेल रहेगी। इस सीमन से पशुपालकों को लाभ होगा। अभी दूध की मांग अधिक है और आपूर्ति बहुत कम है इससे मादा बछड़ी ही पैदा होने पर भविष्य में जिले के लोगों को अधिक दूध उपलब्ध हो सकेगा पशुपालकों को आर्थिक संबल मिलेगा।
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