डेयरी टुडे नेटवर्क,
लखनऊ, 8 अक्टूबर 2017,
लखनऊ में चल रहे डेयरी, एग्री, पोल्ट्री और फूड फेस्ट आज तीसरा और अंतिम दिन है। आखिरी दिन भी मेले का आकर्षण कम नहीं हो रहा है। आज भी बड़ी संखया में किसान, कृषि और डेयरी से जुड़ी छोटी कंपनयिों को प्रतिनिधि और व्यापारी मेले में पहुंच रहे हैं। मेले का मकसद किसानों को आधुनिक कृषि और डेयरी मशीनरी के बारे में जागरूक करना है। साथ ही कृषि व डेयरी क्षेत्र में खाद्य प्रसंस्करण तकनीकों से किसानों को अवगत कराना है। लखनऊ के कॉल्विन तालुकेदार कॉलेज के ग्राउंड में चल रहे मले में सरकारी विभाग से लेकर कई कृषि उपकरण बनाने वाली कंपनियों ने हिस्सा लिया है।
दिल्ली की key2green कंपनी की तरफ से आयोजित इस मेले का उद्घाटन 6 अक्टूबर को कैबिनेट मंत्री रीता बहुगुणा जोशी ने किया था। कृषि प्रदर्शनी में किसानों के साथ साथ कई कॉलेजों के छात्र भी कृषि उपकरणों की जानकारी ले रहे हैं। प्रदर्शनी में मिनी टैक्टर, डेयरी से संबंधित आधुनिक यंत्र और चारा उगाने वाली मशीनें आकर्षण के केंद्र बने हुए हैं।
डेयरी क्षेत्रों में मशीनों का प्रयोग लगातार बढ़ता जा रहा है। गाजियाबाद की डेयरी कंपनी के सेल्स मैनेजर रोविन कुमार ने बताया कि “डेयरी में प्रयोग होने वाले उपकरण जैसे मिल्किंग मशीन, गाय कब हीट में है उसको पता करने की मशीन, मिल्किंग पार्लर, मिल्क मीटर समेत कई प्रकार की मशीन हमारे पास मौजूद हैं। कई बार पशुपालक खुद से नहीं जान पाता है लेकिन मशीनों के ज़रिए वो और बेहतर तरीके से उनका ध्यान रख सकता है।” उन्होंने कहा कि आधुनिक डेरी फार्म में काउ ब्रश से लेकर उन्हें नहरलाने, फार्म को ठंडा रखने तक के तमाम उपकरण मौजूद हैं. जिनके इस्तेमाल से ना सिर्फ पशुओं को आराम मिलता है बल्कि दुग्ध उत्पादन में भी बढ़ोतरी होती है।
प्रदर्शनी में सोनालिका कंपनी द्वारा बनाया गया सबसे छोटा ट्रैक्टर आर्कषण केंद्र बना रहा है। सोनालिका कंपनी के सेल्स मैनेजर अरुण वर्मा ने बताया, “ प्रदर्शनी में जो आ रहा है वो सबसे पहले इसी को देखता है। 20 हार्स पावर का ये ट्रैक्टर बागवानी से जुड़े सभी तरह के कार्य करता है। इसमें रोटावेटर, कल्टीवेटर जैसे कई उपकरण लग सकते हैं। ट्रॅाली बेस पर एक घंटे में एक से सवा लीटर तेल की खपत होती है वहीं रोटावेटर लगाने पर सवा दो लीटर तक की तेल की खपत होती है।”
होंडा पावर प्रोडक्ट के सेल्स मैनेजर ने बताया कि इस कटर में गेहूं और धान की कटाई आसानी से की जा सकती है। इसके अलावा घास और मोटी लकडि़यों की कटाई आसानी से की जा सकती है। इसमें 35 सीसी का इंजन लगा हुआ है। एक लीटर पेट्रोल में इसको ढाई घंटे तक चलाया जा सकता है,यानि एक घंटे में ढ़ेड बीघा धास काटी जा सकता है। इसके अलावा भी कई उपकरण (दवा छिड़कने की मशीन, रोटीटीलर मशीन उपलब्ध रहीं।
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