पीएम मोदी आज मथुरा में करेंगे नेशनल एनिमल डिजीज कंट्रोल प्रोग्राम का शुभारंभ

डेयरी टुडे नेटवर्क,
लखनऊ/नई दिल्ली, 11 सितंबर 2019

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 11 सितंबर, 2019 को मथुरा में नेशनल एनिमल डिजीज कंट्रोल प्रोग्राम का उद्घाटन करेंगे। पीएम मोदी 11 सितंबर को मथुरा के पंडित दीन दयाल उपाध्याय पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय पहुंचेंगे और वहीं आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रीय पशुधन रोग नियंत्रण प्रोग्राम शुरू करेंगे। इस अवसर पीएम मोदी वहां आयोजित वृहद पशु आरोग्य मेला का भी उद्घाटन करेंगे। उत्तर प्रदेश सरकार के पशुपालन विभाग की तरफ ट्वीट कर इसकी जानकारी दी गई है। मोदी सरकार शनल एनिमल डिजीज कंट्रोल प्रोग्राम के तहत 13,343 करोड़ रुपये खर्च करने की पहले ही मंजूरी दे चुकी है। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री मोदी 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लिए पशुपालन और दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने में लगे हैं और इसीलिए वे पशुओं की इन बीमारियों जड़ से खत्म करना चाहते हैं।

यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले शुक्रवार को मथुरा पहुंच कर प्रधानमंत्री के कार्यक्रम की तैयारियों का जायजा लिया। सीएम योगी करीब डेढ़ घंटे तक वेटरनेरी यूनिवर्सिटी में रहे। उन्होंने वहां पीएम मोदी के सभा स्थल से लेकर उस स्थान को भी देखा जहां पशु आरोग्य मेला लगाया जाएगा। बताया जा रहा है कि मथुरा में पीएम मोदी करीब 200 करोड़ रुपये की योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास भी करेंगे।

जाहिर है कि प्रधानमंत्री मोदी ने दूसरे कार्यकाल की पहली कैबिनेट मीटिंग में ही मवेशियों के स्वास्थ्य को लेकर गंभीर पहल की थी। मोदी सरकार ने पहली कैबिनेट बैठक में मवेशियों को खुरपका और मुंहपका (एफएमडी) और ब्रुसेलोसिस जैसी गंभीर बीमारियों से बचाने और इन बीमारियों को जड़ से खत्म करने के लिए 13, 343 करोड़ रुपये की मंजूरी दी थी। भारत सरकार द्वारा एफएमडी टीकारण और ब्रुसेलोसिस अभियान के तहत पशुओं का टीकाकरण किया जाता है। इस अभियान में 50 प्रतिशत भारत सरकार और 50 प्रतिशत राज्य सरकार देती रही है, लेकिन अब इस अभियान का पूरा खर्चा केंद्र सरकार देगी।

खुरपका और मुंहपका एक संक्रामक रोग है, जो विषाणु से फैलता है। ये बीमारियां मवेशियों- गाय- बैल, भैंस, भेड़, बकरी, सूअर आदि में बहुत आम है। अगर गाय या भैंस एफएमडी बीमारी से पीड़ित होती हैं तो दूध-उत्पादन 100% तक कम हो जाता है और यह स्थिति 4 से 6 महीनों तक बनी रह सकती है। इसके अलावा ब्रुसेलोसिस से पीड़ित होने की स्थिति में मवेशी के पूरे जीवनचक्र के दौरान दूध-उत्पादन 30 प्रतिशत तक घट जाता है। ब्रुसेलोसिस के कारण पशुओं में बांझपन भी हो जाता है। मवेशियों की देखभाल करने वाले और मवेशियों के मालिक भी ब्रुसेलोसिस से संक्रमित हो सकते हैं। इन दोनों बीमारियों का दूध और अन्य मवेशी उत्पादों के व्यापार पर सीधे नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

बताया गया है कि मथुरा में प्रधानमंत्री मोदी सेक्सेड सीमेन उत्पादन के लिए यूपी के बाबूगढ़, हापुड़ में 31 करोड़ रुपये लागत से स्थापित की गई प्रयोगशाला का लोकार्पण करने के साथ ही यहां विस्तार के लिए तीस करोड़ रुपये की योजना का शिलान्यास करेंगे। पशुपालन विभाग के मुरादाबाद और आगरा में पॉलीक्लीनिक 13 करोड़, 150 पशु चिकित्सालय, रोग निदान प्रयोगशाला एवं गो संरक्षण केंद्र, जो 117 करोड़ रुपये की लागत से तैयार हुई का लोकार्पण भी करेंगे।

इसके अलावा प्रधानमंत्री मोदी ब्रज क्षेत्र में डेयरी उत्पादन क्षमता को 60 हजार लीटर से बढ़ाकर एक लाख लीटर तक पहुंचाने के लिए 171 करोड़ रुपये की योजना और 20 करोड़ रुपये की लागत से मथुरा में खारे पानी में झींगा मछली पालन की योजनाओं की भी प्रधानमंत्री घोषणा करेंगे।

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