डेयरी टुडे नेटवर्क,
नई दिल्ली/मुंबई, 7 अक्टूबर 2017,
डेयरियों ने पिछले दो महीनों में दूध की खरीद कीमतों में 11 प्रतिशत तक की कमी की है। दूध की अधिक आपूर्ति वाले मौजूदा सीजन के दौरान ग्वालों से दूध की अधिक आपूर्ति के कारण खरीद कीमतों में यह कमी की गई है। डेयरियों ने तीन समान चरणों में दूध खरीद कीमतों में प्रति लीटर 3 रुपये तक की कमी की है। इस समय किसानों को 24 रुपये लीटर का भाव दिया जा रहा है। कीमतों में पहली बार कटौती अगस्त के पहले सप्ताह में 1 रुपये तक की गई थी। उस समय महाराष्ट्र में सभी दुग्ध किसान अपने कृषि ऋणों को माफ कराने के समर्थन में विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। इसके बाद 1 रुपये लीटर की कटौती सितंबर के शुरू में की गई। तीसरी कटौती दशहरे के दिन की गई।
डेयरी कंपनियां मान रही हैं कि मौजूदा सत्र में खरीद कीमतों में यह कटौती कम अवधि के लिए है। मगर वे इसका फायदा आम जनता को देने के मूड में नहीं हैं। किसानों को कम भाव देकर वे मुनाफा कमाने की संभावना तलाश रही हैं। दूसरी तरफ उपभोक्ताओं को इस कटौती के बावजूद 44 से 48 रुपये की कीमत चुकानी पड़ रही है। ‘प्रभात’ ब्रांड के डेयरी उत्पादों के निर्माता प्रभात ग्रुप ऑफ इंडस्ट्रीज के चेयरमैन सारंग निर्मल ने कहा, ‘दूध की अधिक आपूर्ति की वजह से पिछले दो महीनों के दौरान दूध खरीद की कीमतों में 3 रुपये प्रति लीटर की गिरावट आई है। अब और कटौती के आसार कम ही हैं। मार्च 2018 तक कीमतें बढऩे की भी गुंजाइश नहीं है।’
आम तौर पर गाय के दूध की आपूर्ति का सीजन अगस्त के अंत या सितंबर में शुरू होता है। अक्टूबर के अंत तक गाय के शदूध की आपूर्ति सामान्य हो जाती है और भैंस के दूध की आपूर्ति बढ़ जाती है। इस तरह से दूध की ज्यादा आपूर्ति वाला सीजन अगस्त में शुरू होता है और मार्च तक चलता है। प्रभात डेयरी ने वर्ष 2020 तक 2,000 करोड़ रुपये के कारोबार का लक्ष्य रखा है जो मौजूदा 1500 करोड़ रुपये के स्तर (वित्त वर्ष 2016-17) से सालाना आधार पर लगभग 10 प्रतिशत अधिक है। प्रभात डेयरी ने दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के तरीकों से किसानों को अवगत कराने की भी योजना बनाई है।
निर्मल ने कहा, ‘डेयरियां इस साल के शुरू में किसानों को 28 रुपये प्रति लीटर तक की ऊंची कीमत दे चुकी हैं। इसलिए दूध खरीद की कीमतों में कमी से डेयरियों को स्किम्ड मिल्क पाउडर (एसएमपी) की कीमतों में गिरावट की भरपाई करने में मदद मिलेगी।’ दिलचस्प यह है कि दूध पाउडर की कीमतें गिरकर 190 से 200 रुपये किलो तक रह गई हैं। डेयरियों को इससे 30 रुपये किलो का नुकसान हो रहा है। इस पाउडर की लागत करीब 230 रुपये आती है।
गोवर्धन ब्रांड दूध और चीज की निर्माता पराग मिल्क फूड्ïस के सलाहकार शिरीष उपाध्याय ने कहा, ‘दूध खरीद की कीमत में कटौती से डेयरियों को अपने मार्जिन में सुधार लाने और एसएमपी उत्पादन में नुकसान की भरपाई करने में मदद मिलेगी। गर्मी के मौसम में जब दूध की आपूर्ति घट जाती है तो डेयरियों को किसानों को ज्यादा कीमत चुकानी पड़ती है। इसलिए मौजूदा कटौती से डेयरियों के मार्जिन में बहुत सुधार तो नहीं होगा।’ हालांकि किसान भी कटौती पर नाराजगी नहीं जता रहे हैं क्योंकि इस सीजन में चारा सस्ता है।
(साभार-बिजनेस स्टैंडर्ड)
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