रेगिस्तान में आफत की बारिश पर तो अब ब्रेक लग चुका है लेकिन सैलाब से गायों पर टूटा जानलेवा कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है.
जालौर-सिरोही की पथमेड़ा गौशाला में गायों की मौतों का आंकड़ा 1100 के पार पहुंच चुका है. गायों को बचाने के लिए देश के कई इलाकों से गोसेवक पहुंचे तो कई आर्थिक मदद के लिए आगे आए हैं. वहीं, गौशाला प्रंबधन ने राजस्थान सरकार पर मदद के बजाय गुमराह करने का आरोप लगाते हुए विशेष पैकेज की मांग की है.
गायों की दुर्दशा, जानलेवा संकट बरकरार
जालौर के पथमेड़ा गौशाला में एक बाड़े के जो ताजा हालात सामने आए हैं उनमें गौसेवक गायों को खड़ा करने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन हालात इतनी खराब कि कई गौ सेवकों को सहारा देना पड़ रहा है. वहीं अन्य बाड़ों में कुछ गायें खड़ी नहीं हो रही है उनके लिए चारे का बंदोबस्त वहीं किया जा रहा है. यहां चिकित्सक मौत के मुहाने पर खड़ी गाय का इलाज तो कर रहे हैं लेकिन पानी का सैलाब गुजर जाने के बाद गायों पर जानलेवा संकट अब भी बरकरार है.
26 तारीख से हम यहां पर है..अब स्थिति अच्छी है..काफी गौवंश बैठा हुआ था अब खड़ा हो रहा है.
— डॉ. उदाराम चौधरी, प्रभारी चिकित्सक, गोधाम पथमेड़ा
राजस्थान सरकार का दावा है कि 50 डॉक्टर और 86 कपांउडर की टीम पथमेड़ा में तैनात की गायों को बचाने के लिए. लेकिन गौशाला प्रबंधन ने सरकार पर गायों के बंदोबस्त के लिए मदद नहीं करने और गुमराह करने का आरोप लगाया है. गौशाला प्रबंधन का कहना है कि 48 करोड़ के संसाधन पानी में बह चुके हैं. प्रतिदिन एक करोड़ का खर्चा है. लेकिन सरकार ने अभी तक कोई मदद नहीं की. अब सरकार से विशेष पैकेज की मांग की है.
1113 गायों की मौत हुई है. 76 बकरियों की. पथमेड़ा में 50 डॉक्टर की टीम इलाज कर रही है.
— प्रभुलाल सैनी, पशुपालन मंत्री, राजस्थान सरकार
सीएम के मदद के ऐलान से भ्रम फैला है..हकीकत में सरकार ने कोई मदद नहीं की अब तक गौशाला की बाहर से गो सेवक कर रहे हैं.
— पूनम राजपुरोहित, प्रवक्ता, गोधाम पथमेड़ा
बता दें कि 24 जुलाई को जालौर का पाचला बांध टूटने से पथमेड़ा समेत जालौर सिरोही की चार मुख्य गौशालाओं (पथमेड़ा, गोलासन, नंदगाव औऱ नंदीशाला) में गायें पानी में डूब गई थीं. लेकिन डूबने या बहने से कई गुना गायों की मौत मिट्टी में धंसने और भूख से हुई है. यह सिलसिला अभी थमा नहीं है अब भी कई जगह पर फंसी गायों को निकालने का काम चल रहा है. कांग्रेस ने राजस्थान सरकार पर आरोप लगाया कि गौशालाओं की सरकारी अनदेखी और अनुदान बंद करने से हालात बिगड़े और गायों की इतनी मौतें हो रही है.
गायों की हालात देखिए पथमेड़ा और उदयपुर में. हमने 125 करोड का अनुदान दिया..इस सरकार ने बंद किया.
— अशोक गहलोत, पूर्व मुख्यमंत्री, राजस्थान
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