करनाल: डेयरी खोलकर कायम की मिसाल, रोजाना होता है 450 लीटर दूध का उत्पादन

करनाल(हरियाणा), 10 अगस्त 2017,

कृषि और पशुपालन को एक साथ व्यवसाय के रूप में अपनाकर करनाल जिले के गांव नलीखुर्द के रहने वाले 12वीं पास किसान रवि खोखर ने आज इस क्षेत्र में अपना एक अलग ही स्थान बना लिया है। रवि की पढ़ाई में ज्यादा रुचि नहीं थी। लेकिन कृषि और पशुपालन के क्षेत्र में रवि ने अपनी कामयाबी की राह चुनी है। रवि ने एक डेयरी फार्म बना रखा है जिसमें वह गायों को पालते हैं। अब अच्छी नस्ल की गायों के दम पर रवि ने खूब नाम कमाया। पशु पालन में रवि आज अपने साथियों और क्षेेत्र के युवाओं के लिए मिसाल से कम नहीं है। यही नहीं इससे उन्हें फसलों के अतिरिक्त कमाई मिल रही है। आस-पास के किसान भी अब डेयरी फार्मिंग की ओर मुड़ने लगे हैं, इससे लोगों काे काफी मुनाफा भी हो रहा है। किसान का कहना है कि साइड बिजनेस के बिना खेती घाटे का सौदा ही बनी रहेगी।

अपने खेतों की मक्का से तैयार करते हैं साइलेज

रवि ने बताया कि डेयरी फार्म में दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए वह अपने खेतों में गायों के लिए मक्का उगाकर साइलेज तैयार करते हैं। इसके लिए 40 एकड़ में धान से पहले मक्का लगाते हैं और उससे साइलेज तैयार करते हैं। जोकि गायों के आहार के रूप में उत्तम है और इसे खाने से दूध देने की मात्रा में काफी बढ़ोतरी होती है।

एचएफ नस्ल की गाय खुद की तैयार

वर्ष 2012 में एनडीआरआई से ट्रेनिंग लेकर एक एकड़ में डायरी फार्म बना लिया। शरूआत में 25 देसी गायों से शुरूआत की और बाद में एनडीआरआई से ट्रेनिंग लेकर क्रास ब्रिडिंग तकनीक से होलस्टन फ्रीजन नस्ल की गाय तैयार करना शुरू किया। जिसमें उसे 3 साल बाद सफलता मिल पाई। अाज करीब 80 गाय हैं। ये सभी गाय 30 से 50 लीटर तक दूध देती हैं।

अमेरिका से मंगवाते हैं सीमन

गायों की नस्ल सुधारने के लिए यूएसए व फ्रांस से सीमन मंगवाते हैं। कई कंपनियां उन्हें यह सीमन मुहैया करवा देती हैं। उन्हें 500 से लेकर 2500 रुपए तक में एक सीमन मिल जाता है। उन्होंने बताया कि पशुपालन में आगे बढ़ने के लिए पशुपालन विभाग के उपनिदेशक डॉ. विक्रम हुड्‌डा,  डॉ. शक्ति सिंह ने काफी सहायता की है।

5 बार जीत चुके हैं अवाॅर्ड

रवि ने बताया कि उसकी एचएफ नस्ल की गाय उम्मीदों से भी कहीं बढ़कर निकली। इस गाय ने अब तक पांच इनाम जीते हैं। एनडीआरआई में आयोजित प्रतियोगिता में एक गाय 2015 मिल्किंग चैंपियन बनी थी, एक दिन में 52 लीटर दूध देकर गाय ने पूरे भारत में प्रथम इनाम जीता था। यह दूध देने के मामले में देश में पहले नंबर पर रही थी। इसके अलावा गाय ब्यूटी कांटेस्ट में दो बार पहला स्थान व एक बार दूसरा व एक बार तीसरा स्थान हासिल किया। उसे अपने इस व्यसाय पर गर्व है। वे दूसरों को भी प्रेरित करते हैं।

एक दिन में निकालते हैं 450 लीटर दूध

रवि के डेयरी फार्म में 80 एचएफ नस्ल की गाय हैं। इनमें से 26 दूध देती हैं। 55 गाभिन हैं और 30 बछड़ियां हैं। वह दिन में 2 बार गायों का दूध निकालते हैं। सुबह 5 बजे और शाम को 5 बजे। दूध निकालने के लिए फार्म में एक बड़ी मशीन है और छह नौकरों का स्टाफ है। रोजाना 450 लीटर दूध की सप्लाई करते हैं। इसमें से 200 लीटर करनाल तो बाकी का दूध एक कंपनी फार्म को सप्लाई किया जाता है।

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