डेयरी टुडे नेटवर्क,
नई दिल्ली, 17 मई 2019,
देश की मुख्य दूध उत्पादक कंपनी मदर डेयरी में करीब 1000 करोड़ रुपए के फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। लखनऊ के एक व्यक्ति धर्मेंद्र प्रताप सिंह ने इसकी शिकायत की है। शिकायत मिलने के बाद डिपार्टमेंट ऑफ इकॉनोमिक अफेयर्स (DEA) ने इसकी जांच के आदेश दे दिए हैं। DEA ने मदर डेयरी के कथित घोटाले की जांच मिनिस्टरी ऑफ कॉरपोरेट अफेयर्स के सचिव को सौंपी हैं और ‘जरुरी कदम’ उठाने के निर्देश दिए हैं। सूत्रों के अनुसार, डिपार्टमेंट ऑफ इकॉनोमिक अफेयर्स को मदर डेयरी के कथित घोटाले की शिकायत बीती 15 अप्रैल को मिली, जिसके बाद 29 अप्रैल को विभाग ने इसकी जांच की जिम्मेदारी मिनिस्टरी ऑफ कॉरपोरेट अफेयर्स को सौंप दी है।
क्या हैं मदर डेयरी पर घोटाले के आरोप?: अपनी शिकायत में धर्मेंद्र प्रताप सिंह ने आरोप लगाए हैं कि मदर डेयरी फ्रूट एंड वेजीटेबल प्राइवेट लिमिटेड (MDFVPL) ने 20 अगस्त से 28 अगस्त, 2018 के बीच इंफ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंसियल सर्विस (IL&FS) में 190 करोड़ रुपए का निवेश किया है। द इंडियन एक्सप्रेस की एक खबर के अनुसार, शिकायतकर्ता का आरोप है कि यह निवेश ऐसे समय में किया गया, जब IL&FS कंपनी दिवालिया हो चुकी है और कर्ज में डूबी है। इसके साथ ही मदर डेयरी ने 100 करोड़ रुपए से ज्यादा की रकम 15 सब्सिडयरी कंपनियों में भेजे गए। शिकायतकर्ता का आरोप है कि ये सब्सिडयरी कंपनियां फर्जीवाड़े के तहत बनायी गई, जो बाद में खत्म हो गई।
साल 2004 से लेकर 2014 के बीच मदर डेयरी ने 180 करोड़ रुपए का दूध कॉ-ऑपरेटिव्स की बजाय अन्य जरिए से खरीदा। इसमें भी कथित धांधली के आरोप लगाए जा रहे हैं। मदर डेयरी फ्रूट एंड वेजिटेबल्स प्राइवेट लिमिटेड को सरकार ने साल 2014 से 2019 के बीच नेशनल डेयरी प्लान स्कीम के तहत 500 करोड़ रुपए का अनुदान दिया था। इस अनुदान के तहत मदर डेयरी को दूध उत्पादक कंपनियां बनानी थीं। लेकिन शिकायतकर्ता का आरोप है कि विभिन्न प्राइवेट डेयरियों से दूध खरीदा गया और यह दर्शाया गया कि दूध सरकार के निर्देश पर बनायी गई कंपनियों से खरीदा गया। यह भी स्पष्ट नहीं है कि प्राइवेट डेयरियों को कितना भुगतान किया गया
मदर डेयरी ने आरोपों को नकाराः वहीं जब इन आरोपों पर मदर डेयरी से जवाब मांगा गया तो कंपनी के प्रवक्ता ने उपरोक्त आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया और बताया कि मदर डेयरी फ्रूट एंड वेजिटेबल्स कंपनी को अभी तक वित्त मंत्रालय या फिर कॉरपोरेट मंत्रालय से किसी तरह की जांच का कोई नोटिस या जानकारी नहीं मिली है। आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद और सच्चाई से परे हैं। उल्लेखनीय है कि मदर डेयरी ने हाल ही में 30 अप्रैल को संग्राम चौधरी को अपना नया मैनेजिंग डायरेक्टर नियुक्त किया है। संग्राम चौधरी की यह नियुक्ति ऐसे वक्त हुई है, जब मदर डेयरी के सीईओ संजीव खन्ना ने बीती 5 अप्रैल को स्वास्थ्य के आधार पर अपना पद छोड़ दिया था।
(साभार- जनसत्ता)
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