राष्ट्रीय गोकुल ग्राम मिशन में शामिल हुआ सागर जिला

सागर, एमपी, 6 जुलाई 2017
स्मार्ट सिटी में सागर के चयन के बाद सबसे चुनौतीपूर्ण काम डेयरियों के विस्थापन पर काम आगे बढ़ने लगा है। खास बात यह है कि सागर को राष्ट्रीय गोकुल ग्राम मिशन में शामिल कर लिया गया है। इससे डेयरी विस्थापन के लिए बजट मिलने की उम्मीद है। इसमें शेड निर्माण के साथ पशु पालकों को तमाम सुविधाएं मुहैया कराई जा सकेंगी। अभी तक डेयरी विस्थापन सुविधाओं के मामले में ही अटका हुआ था। बुधवार को सांसद लक्ष्मीनारायण यादव, विधायक शैलेंद्र जैन के साथ अधिकारियों ने रतौना में प्लान पर चर्चा की। रतौना गांव की 200 एकड़ जमीन पर दुग्ध ग्राम बसाने का प्लान तैयार है।

विस्थापन के बाद डेयरी उद्योग को बढ़ावा देंगे
सांसद यादव ने बताया कि गोकुल ग्राम मिशन के तहत सागर को डेयरी विस्थापन के लिए केंद्र से बजट मिलेगा। इससे रतौना में डेयरियों के लिए शेड, पानी आदि के पर्याप्त इंतजाम किए जा सकेंगे। हम दूर तक की सोचकर प्लान पर काम करेंगे। डेयरी को उद्योग के रूप में बढ़ावा मिले और पशु पालकों का सम्मानजनक विस्थापन कराया जा सके।

अभी यह है आदर्श दुग्ध गांव का प्लान

200 एकड़ में आदर्श दुग्ध गांव की प्लानिंग है। चीलिंग प्लांट लगेगा। दूध दुग्ध संघ उचित दामों पर दूध खरीदेगा। पशु मालिकों को जमीन भूखंडों में आवंटित की जाएगी। एक यूनिट में कम से कम 25 पशु रखने होंगे। रोड व पानी की व्यवस्था रहेगी। दिए गए भूखंड में पशु मालिक दूध सुरक्षित रखने के लिए केवल एक कमरा ही बना सकेगा। जानवरों के लिए शेड पशु पालकों को ही लगाना होगा।

यह है गोकुल ग्राम मिशन

राष्ट्रीय गोकुल ग्राम मिशन के अंतर्गत 40% स्वदेशी नस्लों का विकास और संरक्षण किया जाता है। गोकुल ग्राम विकास केंद्र स्थापित किया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य दुग्ध उत्पादन में बढ़ोत्तरी है। राष्ट्रीय गोकुल ग्राम मिशन के तहत केंद्र ने पिछले तीन वर्षों में अलग-अलग शहरों को 500 करोड़ रुपए का बजट दिया।

वैध-अवैध सभी तरह की डेयरियों का विस्थापन कराएंगे

विधायक शैलेंद्र जैन का कहना है कि केंद्र से गोकुल ग्राम योजना की राशि मिलने से पशु पालकों को और ज्यादा सुविधाएं मिल सकेंगीं। मवेशियों को शावर , भूसा, मशीन से दूध निकालने की तकनीक, चीलिंग प्लांट आदि की व्यवस्था की जाएगी। गाय-भैंस के दूध की सेंपलिंग भी कर सकेंगे। बड़े शहरों की तर्ज पर डेयरी विस्थापन पर काम शुरू कर रहे हैं। यह एक तरह से स्मार्ट सिटी की शुरुआत ही है। संभागायुक्त मनोहर अगनानी, कलेक्टर आलोक सिंह व निगम कमिश्नर अनुराग वर्मा ने प्लान पर चर्चा कर डेयरी के जल्द से जल्द विस्थापन की बात कही। दरअसल, हाईकोर्ट ने भी शहर से डेयरी हटाने को कहा है। जिस पर निगम से लगातार जवाब मांगा जा रहा है।

डेयरी विस्थापन एक नजर

696 एकड़ जमीन चिन्हित की गई है रतौना में
200 एकड़ जमीन पर फिलहाल दुग्ध गांव का प्लान।
377 पशु पालक किए गए हैं चिन्हित विस्थापन के लिए।
100 से ज्यादा पशुपालक अभी सर्वे से बाहर।
5000 मवेशी हैं शहरी क्षेत्र में।

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