जमशेदपुर। 4 जुलाई, 2017,
झारखंड के किसान अब इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्व विद्यालय (इग्नू) के माध्यम से डेयरी उद्यमिता का पाठ पढ़ सकेंगे। पहली बार झारखंड के विभिन्न जिलों से 1000 किसानों को डेयरी फार्मिग प्रबंधन का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इग्नू द्वारा प्रशिक्षण एवं प्रसार संस्थान गव्य विकास धुर्वा सेक्टर 2, रांची में स्थापित अध्ययन केंद्र में दो माह का कोर्स कराया जाएगा। इस कार्यक्रम के तहत प्रशिक्षण लेने वाले किसानों को डेयरी फार्म प्रबंधन, पशु स्वास्थ्य, चारा उत्पादन, स्वच्छ दूध उत्पादन आदि विषयों पर तकनीकी जागरूकता व संवर्धन आदि का पाठ पढ़ाया जाएगा। दो माह के इस अध्ययन में भाग लेने वालों को आवास एवं भोजन की निश्शुल्क व्यवस्था सरकार करेगी। इस संबंध में जानकारी देते हुए जिला गव्य विकास पदाधिकारी चंद्र कुमार सिंह ने बताया कि प्रशिक्षणार्थियों के पठन-पाठन से लेकर पुस्तकालय, प्रयोगशाला, डेयरी फार्म, चारा प्रत्यक्षण फार्म, ऑडियो-विजुअल क्लास रूम तथा महिला-पुरुष के लिए अलग-अलग छात्रावास भी सरकार की ओर से कराई जाएगी।
किसान ले सकते हैं भाग
झारखंड के सीमांत एवं लघु कृषकों, महिला डेयरी उद्यमियों, प्रगतिशील डेयरी कृषकों, स्वयं सहायता समूह के सदस्य, डेयरी सहकारी समिति, मिल्क फेडरेशन, मिल्क यूनियन के सदस्य आदि पाठ्यक्रम में भाग ले सकते हैं।
इस तरह कर सकते हैं नामांकन
डेयरी फार्मिग पाठ्यक्रम में भाग लेने के इच्छुक पशु पालक किसान अपना नामांकन के लिए जिला गव्य विकास पदाधिकारी के कार्यालय में आवेदन दे सकते हैं। इस दौरान किसानों से शुल्क के तौर पर 11 सौ रुपये का बैंक ड्राफ्ट इग्नू के नाम से रांची में देय होगा।
पूर्वी सिंहभूम जिले के जिला गव्य विकास पदाधिकारी चंद्र कुमार सिंह ने बताया कि डेयरी फार्म प्रबंधन का अध्ययन करने वालों से जो 1100 रुपये का शुल्क लिया जा रहा है। इस शुल्क को प्रशिक्षण पूरा होने के बाद लौटा दिया जाएगा। राशि लेने का मकसद केवल यह है कि अभ्यर्थी सही ढंग से प्रशिक्षण ले सकें।
साभार-दैनिक जागरण
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