हिसार, 2 अगस्त 2017,
बिहार से 13 प्रगतिशील किसानों ने हरियाणा के हिसार स्थित लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय में मार्डन डेयरी फार्मिंग के सात दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में हिस्सा लिया। पशुपालन और डेयरी फार्मिंग के क्षेत्र में इस विश्वविद्यालय को विशेषज्ञता हासिल है। प्रशिक्षण लेने वालों में 5 महिलाएं भी शामिल रहीं।
विश्वविद्यालय के विस्तार शिक्षा निदेशक डॉ. आर एस श्योकंद की देखरेख में यह प्रशिक्षण करवाया गया। इस प्रशिक्षण में उन्हें हरियाणा राज्य की विश्व-विख्यात नस्लों जैसे मुर्राह भैंस, हरियाणा साहीवाल गाय से परिचित कराया गया। इस दौरान प्रशिक्षणार्थियों को विश्वविद्यालय के डेयरी फार्म का भ्रमण भी करवाया गया जिसमें पशुपालकों को हरधेनु नस्ल के बारे में भी बताया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. ऋषि तायल, लेखा नियंत्रक ने अपने संबोधन में कहा कि पशुपालन के क्षेत्र में यदि आप व्यवसायिक लाभ चाहते हैं तो पशुपालन के पारम्परिक तरीकों को छोड़कर आधुनिक तकनीक को अपनाना चाहिए। पशुधन की देखभाल वैज्ञानिक तरीकों से जरूरी है। इस मौके पर प्रशिक्षण संयोजक डॉ. देवेन्द्र सिंह भी उपस्थित थे।
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