नई दिल्ली, 3 अगस्त 2017,
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बुधवार को रेपो रेट में 25 आधार अंकों की कटौती कर 6 फीसदी कर दिया. पिछली बार नवंबर 2010 में रेपो रेट 6 फीसदी के स्तर पर था. ऐसे में पिछले साढ़े छह साल में यह बैंक दरों का सबसे निचला स्तर है. रेपो रेट में इस कटौती से आवास, वाहन और कंपनियों को दिए जाने वाले लोन के सस्ता होने की उम्मीद है.
रीयल एस्टेट के लिए खुशखबरी
बैंक दरों में इस कटौती से होम लोन सस्ते होंगे. रीयल एस्टेट कंपनियां भी रिजर्व बैंक के इस फैसले से काफी खुश हैं. उन्हें उम्मीद है कि होम लोन सस्ता होने से आने वाले त्योहारी मौसम में फ्लैट्स की बिक्री बढ़ेगी. डीएलएफ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) और नारेडको के चेयरमैन राजीव तलवार ने कहा कि रेपो रेट में कटौती इससे ज्यादा सटीक समय पर नहीं आ सकती थी. तलवार ने कहा, भारतीय अर्थव्यवस्था बदलाव के दौर में है. प्रोजेक्ट्स को तेजी से मंजूरी मिलने लगी है, ऐसे में होम लोन सस्ता होने से रीयल एस्टेट सेक्टर और घर खरीददारों को फायदा मिलेगा.
RBI के फैसले से बैंकर्स भी खुश
देश के प्रमुख बैंकों ने रेपो रेट में कटौती के केंद्रीय बैंक के इस फैसले पर खुशी जाहिर की है. उनका कहना है कि इस कदम से निवेशकों का मनोबल मजबूत होगा, ऑर्थिक गतिविधियों की रफ्तार में तेजी व लोन की मांग बढ़ेगी. देश के प्रमुख बैंकर्स में शुमार दीपक पारेख ने कहा कि रेपो रेट कम करने का फैसला उम्मीद के मुताबिक है और यह अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा कदम है. पारेख ने कहा, ‘मेरा मानना है कि रिजर्व बैंक का नीतिगत दरों में कटौती करना अर्थव्यवस्था के लिए एक अच्छा कदम है. मेरे विचार से मौद्रिक नीति समिति ने सही निर्णय किया है.’
उद्योग जगत को ज्यादा की थी उम्मीद
वहीं भारतीय उद्योग जगत ने रेपो रेट में कटौती पर खुशी तो जाहिर की, लेकिन साथ ही कहा कि उन्हें रिजर्व बैंक से ब्याज दर में बड़ी कटौती की उम्मीद थी. देश के दो प्रमुख उद्योग मंडल फिक्की और सीआईआई कमोबेश एक जैसा बयान जारी करते हुए कहा कि कमजोर निजी निवेश चक्र को देखते हुए मौजूदा माहौल में 0.50 अंक की बड़ी कटौती की उम्मीद थी. वहीं एसोचैम ने कहा कि अभी निजी निवेश धीमा है, ऐसे में रेपो रेट घटने से इसमें तेजी आने की उम्मीद है.
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