डेयरी टुडे नेटवर्क,
अजमेर,
अगर कोई लड़की अपनी मोटी तनख्वाह छोड़ डेयरी फार्मिंग का काम करने लगे तो लोग क्या कहेंगे? जाहिर सी बात है कि समाज दस तरह की बातें करेगा, लेकिन उस लड़की ने किसी की परवाह नहीं की, क्योंकि उस लड़की को अपने फैसले पर भरोसा था। राजस्थान के अजमेर शहर में रहने वाली अंकिता कुमावत पिछले डेढ़ साल से ‘मातृत्व डेयरी’ नाम से डेयरी फार्मिंग से जुड़ा कारोबार कर रही हैं। करीब 2 बीघा इलाके में फैले उनके डेयरी फार्म में आज सौ से ज्यादा गाय और भैंस हैं।
राजस्थान के अजमेर की रहने वाली अंकिता कुमावत ने आईआईएम कोलकाता से एमबीए किया है। एमबीए करने के बाद वो कॉरपोरेट सेक्टर में काम करने लगी। शुरूआत में तो उनको सब कुछ अच्छा लग रहा था, क्योंकि काम के साथ-साथ उनको मन मुताबिक तनख्वाह और दूसरी सुविधाएं मिल रही थी। बावजूद छह साल बीत जाने के बाद उनको लगने लगा था कि जिंदगी ठहर सी गई है। वो कुछ नया करना चाहती थीं लेकिन जानती नहीं थी कि क्या करें। इस बीच उनके पिता का स्वास्थ्य खराब रहने लगा। इस वजह से वो अपने डेयरी के काम में ध्यान नहीं दे पा रहे थे। तब अंकिता ने तय किया कि वो नौकरी छोड़ अपने पिता के डेयरी कारोबार को संभालने का का काम करेंगी।
इसके बाद 2014 में अंकिता ने नौकरी छोड़ अपने पिता के डेयरी कारोबार को संभालना शुरू कर दिया। ‘मातृत्व डेयरी’ नाम की ये डेयरी अजमेर में दो बीघा जमीन पर है। यहां कई प्रजाति गाय और भैंस हैं। जिसमें देसी, हालिस्टन, जर्सी, मुर्रा, पाइवाल जैसी गाय के अलावा कई दूसरी भैंसे हैं। कुल मिलाकर यहां पर 100 गाय और कई भैंसे हैं। जिनसे रोजाना 150 लीटर से 180 लीटर तक दूध निकाला जाता है। इस दूध को ये रिटेल और होलसेल दोनों तरीके से बेचा जात है। डेयरी के आसपास की रेजिडेंट सोसायटी में रहने वाले लोग खुद यहां आकर दूध ले जाते हैं, जबकि तीन किलोमीटर के दायरे में दूध की सप्लाई के लिए डेयरी से जुड़े कुछ लोग करते हैं। इस डेयरी में दूध के अलावा पनीर, मावा, मक्खन और दूसरे उत्पाद भी बेचे जाते हैं, लेकिन पनीर और मावा यहां पर केवल आर्डर पर ही तैयार किया जाता है।
खास बात ये है कि इस डेयरी में गाय और भैंसों के लिये चारा एक दूसरे फार्म में उगाया जाता है। ये चारा आर्गेनिक खेती के जरिये उगाया जाता है। ये आर्गेनिक फार्म अजमेर से 25 किलोमीटर दूर नसीराबाद में है जो करीब 11 बीघा इलाके में फैला हुआ है। अंकिता की कोशिश रहती है कि चारा उगाने के लिए जो बीज खरीदे जायें वो भी आर्गेनिक ही हों। वहीं आज की युवा पीढ़ी भी आर्गेनिक सामानों को लेकर काफी जागरूक है। इस वजह से अंकिता की कोशिश रहती है कि उनके ग्राहकों को शुद्ध दूध और दूध से जुड़े उत्पाद मिले। यही वजह है कि डेयरी में मिलने वाला दूध आर्गेनिक और प्राकृतिक होने के कारण स्वास्थ्यवर्धक, वसायुक्त और पीने में काफी अच्छा होता है। अंकिता ने बताया कि हमारी डेयरी के दूध में प्राकृतिक रूप से मिठास रहती है, इसका पता दूध पीने से लग सकता है। जबकि बाजार में पैकेट में मिलने वाले दूध या वो दूध जो दूधिए घर-घर पहुंचाते हैं उसकी शुद्धता की कोई गारंटी नहीं होती। पैकेट के दूध में काफी सिंथेटिक भी मिला होता है।
‘मातृत्व डेयरी’ (Maatratav Dairy) की खास बात ये है कि यहां पर कई तरह का दूध मिलता है। उदाहरण के लिये अगर किसी को कोई बीमारी है और उसे देसी गाय के दूध की जरूरतत है तो उसे वही दूध दिया जाता है। इसके लिए लोगों को अपनी जरूरत के मुताबिक पहले से ऑर्डर देना होता है। अपने पिता से डेयरी कारोबार का गुर सीखने वाली अंकिता की योजना है कि वो अपनी डेयरी को पूरी तरह से स्वदेशी नस्ल (Indigenous breed) की बनाये। साथ ही वो अपना डेयरी का और विस्तार करना चाहती हैं। जिससे कि वो अजमेर के अलावा आसपास के दूसरे शहरों में भी दूध की सप्लाई कर सकें। इसके लिए उनकी योजना प्रोसेसिंग यूनिट लगाने की है, ताकि कच्चे दूध को दूर दराज के इलाकों तक सप्लाई की जा सके।
साभार-इंडियामंत्रा.कॉम
Ajmer me konsi jagah ha
मुझे ऑर्गेनिक डेरी का काम शुरू करना चाहे तो कैसे शुरू होगा
bahut shandaar…. desh bhar ki laado ho aap…