डेयरी टुडे डेस्क
बाड़मेर, 28 अगस्त 2017,
डेयरी एवं उन्नत पशुपालन ने व्यवसाय का रूप ले लिया है। किसानों एवं पशुपालकों का डेयरी ही रोजगार का उत्तम साधन है। यह बात श्योर की ओर से केयर्न इंडिया के सौजन्य से संचालित डेयरी विकास परियोजना के तहत मारवाड़ी कलबियों का गोलिया ग्राम पंचायत आकोली में दुग्ध अवशीतन केन्द्र के लोकार्पण कार्यक्रम के दौरान बोलते हुए कार्यक्रम के मुख्य अतिथि केयर्न इण्डिया के सी.एस.आर सलाहकार भानूप्रताप सिंह ने कही। उन्होने दुग्ध उत्पादकों से कहा कि पशुपालकों को जैसलमेर के चांदन फार्म से थारपारकर नस्ल के उन्नत सांड उपलब्ध कराने में, अमूल का पशु पौष्टिक आहार, हरा चारा उत्पादन में सहयोग किया जाएगा।
सिंह ने दुग्ध बढ़ोतरी कर आदर्श डेयरी बनाने तथा दुग्ध अवशीतन केन्द्र की सदुपयोगिता सुनिश्चित करने का आह्वान किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए पूर्व राजस्थान डेयरी फेडरेशन अधिकारी डाॅ. विक्रम व्यास ने कहा कि नकारा सांडों का बधियाकरण, नस्ल सुधार एवं उन्नत नस्ल के पशुओं का पालन ही परिवार की दशा एवं दिशा बदलने में महत्वपूर्ण है। डाॅ. व्यास ने पशु पोषण, पशु स्वास्थ्य, टीकाकरण, डी वर्मिग के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान कर दुग्ध उत्पादकों को परियोजना से जुड़कर फायदा उठाने के लिए प्रोत्साहित किया।
इस अवसर पर श्योर संस्था की संयुक्त सचिव लता कच्छवाहा ने उपस्थित अतिथियों एवं दुग्ध उत्पादकों का स्वागत करते हुए संस्था के बारे में जानकारी दी। इस मौके पर काजरी के पूर्व कृषि वैज्ञानिक डाॅ. डी. कुमार ने किसानों को उन्नत नस्ल के बीजों ग्वार, मूंग, मोठ, तिलहन इत्यादि से वैज्ञानिक तरीके से कृषि कर कम खर्च में अधिक उत्पादन पर जोर दिया। डाॅ. कुमार ने कृषि की वर्तमान नई तकनीकी के बारे में उपस्थित दुग्ध उत्पादकों की समझाइश की। कार्यक्रम प्रबंधक हनुमानराम चौधरी ने परियोजना की प्रगति के साथ कार्यक्रम के उद्देश्यों की स्पष्टता करते हुए कहा कि दुग्ध उत्पादकों को नीति एवं पूर्ण लगन से डेयरी व्यवसाय कर आगे बढ़ने पर जोर देते हुए समितियों को सशक्त बनाने, जागरूक बनने, महिला सशक्तिकरण, नशा नशे के दुष्परिणामों पर जोर देते हुए पशुओं का डी-वर्मिग टीकाकरण कराने पर जोर दिया। कार्यक्रम का संचालन हनुमानराम चौधरी ने किया। कार्यक्रम में 55 महिलाओं सहित कुल 214 सम्भागियों ने भाग लिया।
(साभार-दैनिक भास्कर)
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