डेयरी टुडे नेटवर्क,
नई दिल्ली, 7 सितंबर 2017,
सुप्रीम कोर्ट ने गोरक्षकों की तरफ से हो रही गुंडागर्दी के मामले पर केंद्र और राज्य सरकार को निर्देश देते हुए कहा कि इस तरीके की गुंडागर्दी कतई बर्दाश्त नहीं की जा सकती. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि कुछ लोगों को ऐसी इजाजत नहीं दी जा सकती कि वह गोरक्षा के नाम पर लोगों के साथ मारपीट करें और गुंडागर्दी करें.
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को सुनवाई के दौरान केंद्र और राज्य सरकार से कहा कि इस तरीके के संगठनों पर लगाम लगाई जानी चाहिए. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा, राजस्थान और महाराष्ट्र सरकार से कहा कि वह अपने यहां एक नोडल ऑफिसर को नियुक्त करें, जिसकी जिम्मेदारी होगी कि वह ऐसे गौरक्षा के नाम पर चल रहे संगठनों पर निगरानी रखें और उनके खिलाफ कार्रवाई करे.
सुप्रीम कोर्ट ने इसके साथ ही देश के सभी राज्यों में हर जिले में ऐसे एक पुलिस अधिकारी को नियुक्त करने का आदेश दिया है, जिसकी जिम्मेदारी होगी कि वह गौ रक्षा के नाम पर चल रहे संगठनों और उनकी गुंडागर्दी पर लगाम लगाएं और निगरानी रखें.
सुप्रीम कोर्ट ने अलग-अलग राज्यों के मुख्य सचिवों से भी कहा है कि वह यह देखें कि क्या हाइवे पर पेट्रोलिंग की व्यवस्था भी की जा सकती है, जिससे हाईवे पर होने वाली गोरक्षकों की गुंडागर्दी को रोका जा सके.
सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार की तरफ से वकील ने कहा कि यह मामला केंद्र से नहीं बल्कि राज्यों से जुड़ा हुआ है और ऐसे में इसमें जो भी कार्रवाई करनी होगी वह राज्य सरकार ही करेगी. इस मामले पर राजनीति नहीं होनी चाहिए.
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