नई दिल्ली (पीटीआई), 11 सितंबर 2017
गाय के दूध, गोबर और गोमूत्र पर शोध और इनसे होने वाले फायदे के वैज्ञानिक रूप से सत्यापन के लिए सरकार द्वारा बनाई गई समिति को 54 प्रस्ताव मिले हैं। समिति के सह-अध्यक्ष विजय भाटकर ने यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि इन प्रस्तावों में से 27 को चुना गया है। इन्हें पांच विषयगत क्षेत्रों के तहत 17 प्रस्तावों का रूप दिया गया है। ये पांच क्षेत्र हैं-देसी गायों की खूबियां, दवा एवं स्वास्थ्य, कृषि उपयोग, खाद्य एवं पोषण और पंचगव्य आधारित उत्पादों के वैज्ञानिक सत्यापन। पंचगव्य में गाय का दूध, दही, घी, गोबर और गोमूत्र शामिल हैं। गाय पर शोध के विभिन्न पहलुओं पर केंद्रित प्रस्ताव केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों के तहत काम करने वाली प्रयोगशालाओं की तरफ से आए हैं।
भाटकर ने कहा कि हमने और भी परियोजनाओं का फैसला लिया है और इस विषय में काम करने वाले संस्थानों को आमंत्रित किया है। उन्होंने कहा कि समिति ने अपना दायरा बढ़ाने का फैसला किया है। वह गाय पारिस्थितिकी पर अनुसंधान पर विचार कर रही है जिसमें ऊर्जा और स्वदेशी नस्लों जैसे पहलू शामिल होंगे। पंचगव्य के वैज्ञानिक सत्यापन और शोध का राष्ट्रीय कार्यक्रम आइआइटी-दिल्ली के सहयोग से विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, बायोटेक्नोलॉजी विभाग और वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआइआर) द्वारा चलाया जा रहा है। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री हर्षवर्धन की अध्यक्षता वाली 19 सदस्यीय राष्ट्रीय संचालन समिति इस कार्यक्रम की आगे की दिशा तय करेगी।
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