डेयरी टुडे नेटवर्क/एजेंसी
नई दिल्ली, 12 सितंबर 2017,
केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री राधा मोहन सिंह ने कहा है कि देश में इस वर्ष चावल, गेहुं, दलहन और मोटे अनाज का रिकॉर्ड उत्पादन हुआ है। कृषि भवन में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (एनएफ़एसएम) की 13 वीं सामान्य परिषद की बैठक में को सम्बोधित करते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि चौथे अनुमानों के अनुसार चावल का उत्पादन 110.15 मिलियन टन, गेहूं का उत्पादन 98.38 मिलियन टन, दलहन का उत्पादन 22.95 मिलियन टन तथा मोटे अनाज का उत्पादन 44.19 मिलियन टन एवं कुल खाद्यान उत्पादन 275.68 मिलियन टन हुआ है जो अब तक का सर्वाधिक उत्पादन है। इस बैठक में तीनों कृषि राज्य मंत्री पुरषोत्तम रुपाला, गजेन्द्र सिंह शेखावत और कृष्णा राज भी शामिल थीं।
श्री राधा मोहन सिहं ने इस मौके पर राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के मुख्य कार्यों के बारे में जानकारी भी दी। उन्होंने बताया कि इसके तहत दलहन उत्पादन की योजना वर्ष 2012-13 में 16 राज्यों के 468 जिले थे जो वर्ष 2016-17 से सभी 29 राज्यों के 638 जिलों में चलाई जा रही है। वहीं मोटा अनाज को 12 वीं योजना से शामिल किया गया जिसे वर्ष 2014-15 से 28 राज्यों के 265 जिलों में चलाया जा रहा है।
इस दौरान 17 जनवरी को हुई मिशन की 12वीं बैठक के कार्यकलापों का सामान्य परिषद द्वारा अनुमोदन किया गया। बैठक में अनुमोदन समिति द्वारा तमाम निर्णय लिए गए।बैठक में दलहन की खेती के लिए पूर्वी राज्यों में चावल की परती भूमि वाले क्षेत्रों को लक्षित करने के लिए अतिरिक्त धन राशि का आवंटन, तथा पश्चिम बंगाल में गेहूं ब्लास्ट जैसी समस्या से निपटने के लिए दलहन एवं तिलहन के लिए अतिरिक्त धन राशि का आवंटन का निर्णय लिया गया। कृषि विज्ञान केन्द्रों के माध्यम से चावल, गेहूं, दलहन, मोटे अनाज से संबन्धित अग्रिम पंक्ति प्रदर्शन के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के संस्थानों द्वारा धन राशि का आवंटन किया गया। दलहन के बीज मिनि किट का वितरण तथा केन्द्रीय एजेंसियों को दलहन के प्रमाणित बीजों के उत्पादन के लिए सहायता का निर्णय लिया गया। बैठक में वर्ष 2015-16 के कृषि कर्मण पुरस्कार के लिए धनराशि का अनुमोदन किया गया।
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