डेयरी टुडे नेटवर्क,
नई दिल्ली, 14 सितंबर 2017,
कृषि मंत्रालय इन दिनों राजनीतिक सुर्खियों से दूर रहकर पीएम मोदी के संकल्प को जमीन पर उतारने में जुटा हुआ है। वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने की कवायद में कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह अपनी पूरी टीम के साथ मशगूल हैं। कृषि विज्ञान केंद्र भी इस मामले में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। अब तक कृषि विज्ञान केंद्रों पर महज इस बात का आरोप लगता था कि वे एनजीओ के लिए पैसा कमाने का जरिया मात्र भर हैं। लेकिन बदले निजाम में इन कृषि विज्ञान केंद्रों ने भी अपनी चाल बदली है। किसानों की आय दोगुनी करने के मामले में केवीके ने बीते एक माह से शपथ दिलाने का अभियान चलाया हुआ है। एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार देश के 562 जिलों में केवीके ने 19 अगस्त से 11 सितम्बर के बीच 470847 किसानों को 2022 तक आय दोगुनी करने का शपथ दिलाया है।
पूरी निगरानी में हुए केवीके के आयोजन
बताया जा रहा है कि आय दोगुनी करने की तरकीब आम किसानों को समझाने के लिए हुए केवीके के आयोजनों की निगरानी बेहद चौकस थी। केंद्र के अलावा राज्य सरकारों और स्थानीय सांसद भी मामले की निगरानी में जुटे हुए थे। कृषि मंत्रालय के अनुसार देश 562 जिलों में केवीके के जरिये सम्पन्न कार्यक्रमों में से 74 में खुद केंद्रीय मंत्री राधा मोहन सिंह शामिल हुए। तो 284 आयोजनों में सांसद उपस्थित रहे।
मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार सरकार के प्रयास जमीन पर असर कर रहे हैं। 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने के पीएम मोदी के लक्ष्य में कोई बाधा नहीं है। किसानों को आमदनी दोगुनी करने के प्रयासों के लिए शपथ दिलाने को लेकर देश के विभिन्न 79 इलाकों में शपथ कर्यक्रम आयोजित हुए। इनमें से 49 में केंद्र सरकार का कोई न कोई मंत्री शामिल रहा है। पीएमओ सूत्रों की माने तो पीएम मोदी के संकल्प से सिद्धि अभियान को जमीन पर उतारने की कवायद में कृषि मंत्रालय सबसे अव्वल रहा है।
राज्यों की भागीदारी है भरपूर
किसानों की आमदनी दोगुनी करने के लिए केंद्र सरकार के जरिये चलाए जा रहे अभियान में राज्यों की भागीदारी भी भरपूर रही है। विभिन्न जिलों के 111 आयोजनों में राज्य सरकार के मंत्री उपस्थित रहे। तो 350 से ज्यादा आयोजनों में स्थानीय विधायकों ने भागीदारी कर अभियान को सफल बनाने में अपना योगदान दिया है। 398 जगहों पर जिला पंचायत के नेताओं ने भागीदारी की है।
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