अलवर,राजस्थान।
अब अलवर के पशुपालकों के भी दिन बदलेंगे। पशुओं की नस्ल सुधारने और पशुपालकों की आमदनी बढ़ाने के लिए गुजरात के आणंद से जुड़कर आहार संतुलन कार्यक्रम शुरू किया जा रहा है। नेट बुक के जरिए यह सब होने जा रहा है।
पशुओं पर टैग लगाने शुरू हो गए हैं। टैग नम्बर को नेट बुक में अपलोड किया जाएगा। उसी के अनुसार किसान पशुओं का चारा पानी देगा। इसके लिए रिसोर्स पर्सन पशुपालक और एक्सपर्ट के बीच में काम करेगा। जिले में रिसोर्स पर्सन लगाए गए हैं।
आहार संतुलन कार्यक्रम के तहत पशुओं की नस्ल सुधार और पशुपालकों से आमदनी बढ़ाना योजना का प्रमुख उद्देश्य है। अलवर जिला सरस डेयरी संघ ने इस कार्यक्रम को हाथ में लिया है। इसके तहत जिले के चार हजार पशुपालकों को सीधा लाभ मिलेगा।
एक पशुपालक के दो पशुओं को राशन बैलेंसिंग प्रोग्राम से जोड़ा जाएगा। एक गांव में एक रिसोर्स पसर्न रहेगा। नेट बुक पर पशुओं की डिटेल होगी। हर 25 दिन में पशु की मॉनिटरिंग की जाएगी। उसमें आए सुधार व कमी को नेट बुक पर अपडेट किया जाएगा। यह नेट बुक गुजराज के आणंद से जुड़ेगी। वहां के विशेषज्ञ एक-एक पशु की अपडेट रिपोर्ट को देखकर डाइट में आवश्यक बद करेंगे।
नस्ल सुधार भी साथ में
इस राशन बैलेंसिंग प्रोग्राम के साथ ही पशुओं की नस्ल सुधार भी होगी। पशुओं में कृत्रिम गर्भाधान कर नस्ल सुधार कराया जाएगा। भैस में मुर्रा नस्ल सुधार कराया जाएगा। पहली बार क्रॉस कराने पर 50 प्रतिशत नस्ल सुधार होगा। दूसरी या तीसरी बार में 100 प्रतिशत नस्ल सुधार की संभावनाएं है।
इसके बाद 10 से 12 लीटर दूध देने वाली भैंस 20 लीटर से अधिक दूध दे सकेंगी। इसके अला पशुपालकों को कोई अलग से राशि देने की जरूरत नहीं पड़ेगी। 100 जनों को रोजगार भी इस योजना से गांव के बेरोजगारों को रोजगार मिलेगा। रिसोर्स पर्सन के रूप में काम करेंंगे।
ताइवान से मंगाए नेटबुक
सरस डेयरी संघ ने जिला स्तर तीन पशु चिकित्सक भी लगाए हैं। सरस डेयरी संघ ने रिसोर्स पर्सन के लिए ताइवान से नेट बुक मंगाए हैं, जिसके जरिए पशुओं की पूरी जानकारी रखी जाएगी। इसके अलावा जल्दी चारागाह विकास कार्यक्रम को भी पशुपालकों तक ले जाया जाएगा। ताकि पशुओं को ऐसा चारा मिले जिससे दूध की क्षमता बढ़ाई जा सके।
पशुपालकों को बड़ी सौगात
बन्नाराम मीना चेयरमैन सरस डेयरी अलवर ने बताया कि यह जिले के पशुपालकों के लिए बड़ी सौगात है। सरस पर दूध देने वाले पशुपालकों के पशुओं की राशन बैलेंसिंग गुजरात से की जाएगी। पशुओं की नस्ल सुधार भी होगी। पशुओं की आमदनी बढ़ेगी। जिसके लिए रिसोर्स पर्सन लगाए गए हैं। पशुओं पर चिप लगाने का कार्य शुरू हो गया है।
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