हैमबर्ग, 07 जुलाई 2017
जी20 सम्मेलन में हिस्सा लेने जर्मनी के हैम्बर्ग पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद को मौजूदा वक्त की सबसे बड़ी चुनौती बताया। पीएम मोदी ने जी20 देशों से आतंकवाद के लिए धन के रास्तों, उनकी सुरक्षित पनाहगाह और उन्हें समर्थन तथा उन्हें प्रायोजित करने वालों के खिलाफ सामूहिक रूप से कारवाई करने का आह्वान किया।
पीएम मोदी ने इसके साथ ही ब्रिक्स देशों के नेताओं को भी आतंकवाद से लड़ने और वैश्विक अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने में नेतृत्वकारी भूमिका निभाने को कहा। उन्होंने जी20 शिखर सम्मेलन के अवसर पर यहां ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) देशों के नेताओं के साथ अनौपचारिक बैठक में सतत वैश्विक आर्थिक वृद्धि के लिए आपस में मिलकर काम करने पर जोर दिया।
इसके साथ ही पीएम मोदी ने जी-20 समिट में आतंक के खिलाफ प्लान ऑफ ऐक्शन का स्वागत किया और इसके लिए 10 सूत्री ऐक्शन एजेंडा प्रस्तुत किया.
1. आतंकवाद का समर्थन करने वाले देशों के खिलाफ निवारक कार्रवाई अनिवार्य है. ऐसे देशों के अधिकारियों का G-20 सम्मेलन में प्रवेश पर प्रतिबंध जरूरी।
2. संदिग्ध आतंकवादियों की सूची का जी20 देशों के बीच लेन-देन और नामांकित आतंकवादियों और उनके समर्थकों के खिलाफ साझी कार्रवाई अनिवार्य.
3. आतंकवादियों से संबंधित प्रभावकारी सहयोग के लिए कानूनी प्रक्रिया जैसे कि प्रत्यर्पण को सरल और ज्यादा तेज गति का बनाना.
4. अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर व्यापक सम्मेलन को शीघ्र अपनाया जाना.
5. यूनाइटेड नेशन सिक्यॉरिटी काउंसिल रेजॉल्यूशन तथा अन्य अंतरराष्ट्रीय प्रक्रियाओं को प्रभावी ढंग से लागू करना.
6. कट्टरता के खिलाफ कार्यक्रमों पर जी20 द्वारा साझा प्रयास और सबसे अच्छी प्रयासों का लेन-देन.
7. एफएटीएफ (वित्तीय कार्रवाई टास्क फोर्स) तथा अन्य प्रक्रियाओं द्वारा आतंकियों को वित्तीय मदद वाले स्रोत और माध्यमों पर प्रभावशाली प्रतिबंध.
8. एफएटीएफ की तरह ही हथियारों पर रोक के लिए वेपंस ऐंड एक्प्लोसिव ऐक्शन टास्क फोर्स (WEATF) का गठन, ताकि आतंकवादियों तक पहुंचने वाले हथियारों के स्रोतों को बंद किया जा सके.
9. जी-20 देशों के बीच आतंकवादी गतिविधियों पर केंद्रित साइबर सिक्यॉरिटी क्षेत्र में ठोस सहयोग.
10. जी-20 में आतंकवाद से मुकाबले के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के एक तंत्र का गठन.
इस मौके पर पीएम मोदी ने उनकी सरकार द्वारा आगे बढ़ाए गए सुधारों को लेकर भी जिक्र किया. इस दौरान उन्होंने खासतौर से माल एवं सेवाकर (जीएसटी) लागू किए जाने के बारे में भी बताया. उन्होंने कहा, ब्रिक्स देशों की काफी मजबूत आवाज है और उन्हें आतंकवादी और वैश्विक अर्थव्यवस्था के मुद्दे पर अपना नेतृत्व दिखाना चाहिए. उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि जी20 देशों को आतंकवाद के वित्तपोषण, उनका समर्थन, उन्हें सुरक्षित पनाहगाह और प्रयोजित करने वालों का सामूहिक रूप से मुकाबला करना चाहिए, इसके साथ ही उन्होंने खासतौर से व्यापार और ज्ञान तथा पेशेवरों के आवागमन को लेकर संरक्षणवाद अपनाए जाने के खिलाफ सामूहिक तौर पर आवाज उठाए जाने की भी वकालत की.
ब्रिक्स देशों के नेताओं की यह बैठक ऐसे समय हुई है, जब भारत और चीन की सेना सिक्किम क्षेत्र में एक दूसरे के खिलाफ आमने सामने डटी हैं. ब्रिक्स देश जी20 समूह का भी हिस्सा हैं. यहां यह भी गौर करने वाली बात है कि जी20 के सदस्य देश, जिसमें भारत और चीन भी शामिल हैं, दुनिया में होने वाले कुल आर्थिक उत्पादन का 80 प्रतिशत का प्रतिनिधित्व करते हैं.
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