डेयरी टुडे नेटवर्क,
नई दिल्ली, 2 नवंबर 2017,
केंद्र सरकार ने उर्वरकों पर दी जाने वाली सब्सिडी की रकम अब सीधे किसानों के खातों में ट्रांसफर करने का फैसला किया है। पहले ये अगले साल मार्च के अंत तक लागू करने का प्लान था लेकिन अब सरकार ने चरणबद्ध तरीके से इसे लागू करने की योजना बनाई है और एक जनवरी तक सभी राज्यों ये योजना लागू कर दी जाएगी। यानी सरकार तय समय से 3 महीने पहले ही पूरे देश में डायरैक्ट बैनीफिट ट्रांसफर ऑफ फर्टीलाइजर्स सब्सिडी योजना को लागू कर देगी।
राजस्थान, उत्तराखंड, महाराष्ट्र, अंडमान और निकोबार, त्रिपुरा तथा असम में 1 नवम्बर से यह योजना लागू कर दी गई है। एक महीने बाद यानी दिसम्बर में इसे हरियाणा, पंजाब, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, आंध्र प्रदेश व तमिलनाडु में लागू किया जाएगा। बाकी राज्यों में 1 जनवरी से इसे लागू कर दिया जाएगा। नई योजना के तहत उर्वरक की बिक्री हो जाने के बाद कम्पनी को सबसिडी का पैसा मिलेगा। इसके लिए सरकार ने सभी कम्पनियों से पी.ओ.एस. मशीन लगाने को कहा है। सबसिडी देने का नया सिस्टम अभी 8 राज्यों व केन्द्र शासित प्रदेशों में लागू है। इनमें दिल्ली, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम, गोवा, पुड्डुचेरी, दमन व दीव और दादर व नागर हवेली शामिल हैं। सूत्रों के मुताबिक इस योजना को तय समय से 3 महीने पहले इसलिए लागू किया जा रहा है ताकि 3 महीने में यह देखा जा सके कि इसमें कहां क्या खामियां रह गई हैं।
अापको बते दे कि किसानों को देशभर में करीब 75 हजार करोड़ की सब्सिडी उर्वरकों पर दी जाती है। लेकिन सरकार की सब्सिडी का सीधा फायदा किसान नहीं उठा पाते हैं। डीबीटी जैसी योजना से किसानों को सीधा लाभ मिलेगा। इसके लिए किसानों को आधार कार्ड के जरिए अपने खातों को लिंक करना होगा। वहीं उर्वरक डीलरों को भी अपनी खरीद बिक्री का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराकर उसे आधार कार्ड से लिंक करना होगा। ऐसा करने से सरकार के पास ये ब्यौरा रहेगा कि किस किसान ने कौन सी खाद किस मात्रा में खरीदी और किस डीलर ने कौन सी खाद किस किसान को बेची है। जिससे उर्वरको को लेकर होने वाली कालाबाजारी को भी रोका जा सकेगा। सरकार की मानें तो इससे खाद की कमी से भी निजात मिलेगी।
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