डेयरी टुडे नेटवर्क,
पुणे, 15 नवंबर 2017,
भारतीय डेयरी कंपनियों के प्रॉफिट मार्जिन में तेज गिरावट आई है। पिछले कुछ महीनों से इंटरनेशनल मार्केट में स्किम्ड मिल्क पाउडर (SMP) के दाम में तेज गिरावट आई है। इसके अलावा देसी बाजार में घी पर जीएसटी में टैक्स पहले के रेट से डबल हो गया है। इसके चलते डेयरी कंपनियों ने पिछले कुछ महीनों से खरीद प्राइस 10 से 22 पर्सेंट तक घटा दिया है। महाराष्ट्र के दूध उत्पादक व प्रक्रिया व्यावसायिक कल्याणकारी संघ के सचिव प्रकाश कुटवाल ने कहा, ‘इंटरनेशनल मार्केट में स्किम्ड मिल्क पावडर का दाम पिछले तीन-चार महीनों में 260 रुपये प्रति किलो से घटकर 120 रुपये प्रति किलो रह गया है।’
संगठन के मुताबिक महाराष्ट्र में रोजाना लगभग 3 करोड़ लीटर दूध का उत्पादन होता है, जिसमें सिर्फ 80 लाख लीटर ही लिक्विड पाउच में इस्तेमाल होता है। बाकी लगभग 2.20 करोड़ लीटर दूध बटर, स्किम्ड मिल्क पाउडर, घी, चीज, दही वगैरह बनाने में लगता है। महाराष्ट्र मिल्क प्रॉडक्ट्स के एक्सपोर्ट में लीडर है, इसलिए इंटरनेशनल मार्केट में दाम घटने पर यहां के दूधवाले सबसे नुकसानदेह स्थिति में होते हैं। इधर, घी पर 12% GST लगता है जो पहले 6% था। कुटवाल ने कहा, ‘घी की बिक्री में तेज गिरावट आई है। GST से छोटे ब्रांड का घी 30 रुपये प्रति किलो जबकि नेशनल ब्रांड्स का घी 55 प्रति किलो तक महंगा हो गया है।’
महाराष्ट्र सरकार ने 3.5% फैट वाले गाय के दूध का खरीद मूल्य बढ़ाकर 27 रुपये प्रति लीटर कर दिया है जबकि 8.5% SNF (सॉलिड नॉट फैट) वाले दूध का दाम 12 पर्सेंट बढ़ाया है। हालांकि प्राइवेट डेयरी कंपनियां दूधवालों को सिर्फ लगभग 21 रुपये से 23 रुपये प्रति लीटर तक चुका रही हैं जबकि कोऑपरेटिव डेयरी कंपनियां 22 से 25 रुपये प्रति लीटर रेट से भुगतान कर रही हैं। इसके चलते राज्य सरकार ने कोऑपरेटिव डेयरीज को हाल में नोटिस भेजा था कि दूध के लिए सरकार की तरफ से तय 27 रुपये प्रति लीटर का रेट नहीं देने के लिए क्यों नहीं उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए।
इस पर राज्य की डेयरी कंपनियों ने संकेत दिया है कि अगर किसी भी डेयरी के खिलाफ कार्रवाई हुई तो सभी दूध खरीदना बंद कर देंगी। इधर, डेयरी फर्मों ने सेल्स बढ़ाने के लिए कंज्यूमर प्राइस में भी 2 से 4 रुपये प्रति किलो तक की कमी करना शुरू कर दिया है। कुटवाल ने कहा, ‘आनेवाले समय में और प्राइस कट हो सकते हैं।’ गाय के दूध का कंज्यूमर प्राइस महाराष्ट्र में 44 रुपये प्रति किलो से घटकर 40 रुपये प्रति लीटर तक आ सकता है। कोऑपरेटिव डेयरी ने सरकार से मांग की है कि अगर वह किसानों को ऊंचा भाव दिलाना चाहती है तो उसको भी कर्नाटक की नंदिनी स्कीम की तरह सब्सिडी देना शुरू करना होगा।
(साभार-इकॉनामिक टाइम्स)
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