डेयरी टुडे नेटवर्क,
गढ़वाल, 9 फरवरी 2018,
उत्तराखंड के श्रीनगर गढ़वाल की आंचल दुग्धशाला बंद होने की कगार पर पहुंच गई है। आंचल डेयरी के कर्मचारियों को 26 महीने से वेतन नहीं मिला है और डेयरी में दूध का प्रसंस्करण भी बंद हो गया है। हालत इतने खराब है कि डेयरी प्लांट में ताला लगने की नौबत आ गई है। आपको बता दें की आंचल दुग्धशाला पहाड़ी क्षेत्र की सबसे बड़ी डेयरी है।
सहकारिता के माध्यम से इलाके के लोगों को रोज़गार देने के लिए 1988 में यहां आंचल डेयरी को शुरू किया गया था। एक जमाने में इसकी उत्पादन क्षमता 20 हजार लीटर थी। लेकिन अब इस डेयरी से सिर्फ 3 हजार और ग्रामीणों इलाकों में 400 लीटर से भी कम दूध सप्लाई हो पा रहा है। 26 माह से दुग्धशाला के कर्मचारियों को तनख्वाह नहीं मिली है। 35 कर्मचारियों ने वीआरएस के लिए ढाई साल पहले आवेदन दिया था। लेकिन उनका बकाया देने के लिए भी विभाग के पास पैसे नहीं हैं। जिन 6 कर्मचारियों को वीआरएस दे दिया गया था उन्हें भी अब तक भुगतान नहीं किया गया है। डेयरी पर ट्रांसपोर्टरों का भी 1 करोड़ बकाया है। डेयरी 8 करोड़ के घाटे में चल रही है। इसमें से कर्मचारियों का वेतन साढ़े 15 लाख रुपए प्रति माह और डेयरी का मेंटेंनेंस 12 लाख रूपये है।
1100total visits.