डेयरी टुडे नेटवर्क,
यमुनानगर(हरियाणा), 16 अप्रैल 2018,
यमुनानगर के राझेड़ी के किसानों ने सब्जी उत्पादन के क्षेत्र में अपनी एक अलग पहचान बना ली है। गांव में 400 एकड़ में शिमला मिर्च की किसान खेती कर रहे हैं। गांव में कोलकाता, बरेली, सहारनपुर, मेरठ, दिल्ली, देहरादून, अमृतसर व राजस्थान के बड़े शहरों से व्यापारी पहुंचते हैं।
ग्रामीणों ने बताया कि शिमला मिर्च की खेती 15 जनवरी से शुरू होती है। तीन महीने की खेती के दौरान किसानों का प्रति एकड़ 20 हजार रुपये का बीज, 10 कट्टे डाया खाद, दो कट्टे पोटाश, चार कट्टे यूरिया, चार कट्टे सुपर का खर्च आता है। इसके अलावा सप्ताह में दो बार फसल पर दवाइयों का छिड़काव किया जाता है। कुल 50 हजार रुपये प्रति एकड़ खर्च आता है। किसानों को 2 से चार लाख रुपये प्रति एकड़ की शिमला मिर्च में आमदनी होती है। 10 जुलाई तक शिमला मिर्च की खेती खत्म हो जाती है। इसके अलावा किसान टमाटर, गोभी व खीरे की खेती को भी महत्व देते हैं।
राझेड़ी निवासी दिनेश मेहता, मान सिंह, जगदीश मेहता, सुरेश मेहता, संजय मेहता व राम मेहता ने बताया कि गांव अब सब्जी का गढ़ है। किसानों के पास लगभग 900 एकड़ भूमि है। 600 एकड़ भूमि पर सब्जी की खेती हो रही है। यहां शिमला मिर्च, गोभी, टमाटर, टिंडे, खीरा, घीया की बड़े स्तर पर खेती होती है। गांव में लगभग 400 एकड़ से ज्यादा में शिमला मिर्च की खेती किसान कर रहे हैं। शिमला मिर्च की खेती के कारण उन्हें आज दूर दराज के शहरों में भी जाना जाता है। गांव में कोई ऐसा किसान नहीं है, जो सब्जी की खेती न करता हो।
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sir main bhi ye kheti shikhna chahta hu kya aap meri koi help kar sakte hai please sir.