पटना, 15 जुलाई 2017
बिहार में आरजेडी और जेडीयू के बीच गठबंधन की दरार लगातार बढ़ती दिख रही है और राजनीतिक गलियारों में गठबंधन के टूटने के भी कयास जोरों पर हैं. शनिवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को एक मंच पर साथ आना था, लेकिन महागठबंधन में पड़ी इस गाठ के बीच तेजस्वी इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए. यहां पहले तेजस्वी के नेमप्लेट पर पर्दा चढ़ाकर रखा गया था, लेकिन बाद में वह नेमप्लेट ही हटा दिया गया.
यहां गौर करने वाली बात यह है कि जेडीयू ने मंगलवार को हुई प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में अपनी सहयोगी आरजेडी को तेजस्वी पर फैसला लेने के लिए 4 दिन का अल्टिमेटम दिया था, जिसका आज आखिरी दिन है. हालांकि जेडीयू के इस अल्टीमेटम पर आरजेडी की तरफ से कोई गंभीरता नहीं दिखी. वहीं आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद ने भी यह साफ कर दिया कि डिप्टी सीएम पोस्ट से उनके बेटे तेजस्वी के इस्तीफे सवाल नहीं उठता है.
आरजेडी की तरफ से इस तरह की प्रतिक्रिया के बाद सीएम नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री आवास पर जेडीयू विधायकों की बैठक बुलाई. माना जा रहा है कि इस बैठक में आरजेडी के साथ आगे के रिश्तों पर फैसला लिया जाएगा.
बता दें कि लालू यादव और उनके परिवार के सदस्यों पर गैरकानूनी ढंग से संपत्ति बनाने के आरोप में सीबीआई और ईडी के छापों के बाद तेजस्वी पर इस्तीफे का दबाव बढ़ा है. हालांकि लालू और तेजस्वी ने इस आरोपों को बीजेपी नीत केंद्र सरकार की साजिश करार दिया है. तेजस्वी ने तो अपने बचाव में यह दलील दी कि ये मामला 2004 का है, जब वह महज 13-14 साल थे, ऐसे में वह कोई घोटाला कैसे कर सकते हैं.
हालांकि जेडीयू की तरफ से यह कहा गया कि पार्टी तेजस्वी के इन दलीलों से संतुष्ट नहीं है. इसके बाद आरजेडी विधायक भाई वीरेंद्र का बयान आया कि आरजेडी के पास 80 विधायक हैं और महागठबंधन में वही होगा, जो आरजेडी चाहेगी. आरजेडी विधायक के इस बयान पर जेडीयू ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. जेडीयू विधायक ने कहा कि नीतीश कुमार सत्ता के भूखे नहीं हैं और उन्हें इस्तीफा देने में पांच मिनट भी नहीं लगेंगे.
आरजेडी विधायक के इस बयान पर जेडीयू ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. जेडीयू विधायक ने कहा कि नीतीश कुमार सत्ता के भूखे नहीं हैं और उन्हें इस्तीफा देने में पांच मिनट भी नहीं लगेंगे. वहीं जेडीयू नेता केसी त्यागी ने कहा कि नीतीश कुमार की अपनी इमेज है और भ्रष्टाचार के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा.
इन तल्ख बयानों तो ऐसा ही अंदाजा लगता है कि बिहार में महागठबंधन का काउंटडाउन अब शुरू हो गया है और रविवार को सीएम आवास पर होने बैठक में जेडीयू आजेडी से अपने नाते तोड़ने का ऐलान कर सकती है.
बिहार के सत्ता समीकरण पर नजर डालें, तो 243 सदस्यीय विधानसभा में आरजेडी 80 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी है. वहीं जेडीयू के पास 71 सीटें है, तो बीजेपी के खाते में 58 सीटें हैं. कांग्रेस की 27 सीटे हैं. सीटों के मामले में दूसरे नंबर पर रहने के बावजूद नीतीश कुमार बिहार के सीएम बने. ऐसे में नीतीश अगर आरजेडी ने नाता तोड़ बीजेपी से हाथ मिलाते हैं, तब भी वह 129 सीटों (71+58) के साथ बहुमत का आंकड़ा पार कर सत्ता में बने रहेंगे.
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