डेयरी टुडे नेटवर्क,
रायपुर/नासिक/बठिंडा/नई दिल्ली, 13 अप्रैल 2020
कोरोना महामारी के चलते देशभर में किया गया लॉकडाउन भारत के डेयरी बिजनेस (Dairy Business) पर बहुत भारी पड़ा है। महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, कर्नाटक लगभग सभी राज्यों से इसी तरह की खबरें आ रही हैं कि दूध की खपत 50 प्रतिशत से भी कम रह गई है और डेयरी कंपनियों ने दूध खरीद के दाम 15 से 20 रुपये तक कम कर दिए हैं। इन हालातों में डेयरी किसानों की कमर टूट गई है।
Maharashtra: Dairy farmers in Nashik are facing losses due to the lockdown. A farmer says, “We used to sell milk at Rs 50-55 per litre, now we’ve to sell it at Rs 30-35 per litre. Demand is low as hotels & tea stalls are closed. It’s becoming difficult to manage expenses”.(11.04) pic.twitter.com/hvRdOTOYLM
— ANI (@ANI) April 12, 2020
महाराष्ट्र की बात करें तो यहां किसानों को दूध का कोई खरीदार नहीं मिल रहा है। नासिक के डेयरी किसानों ने बताया कि “हम 50-55 रुपये प्रति किलो पर दूध बेचते थे, अब हमें इसे 30-35 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बेचना होगा। होटल और चाय के स्टॉल के बंद हो जाने के कारण दूध की मांग कम हो गयी है। हमें खर्चो का प्रबंधन करने में मुश्किल हो रही है।” जाहिर है कि महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमितों की बढ़ती संख्या को देखते हुए लॉकडाउन को 30 अप्रैल तक बढ़ा दिया गया है। इस दौरान कुछ स्थानों पर अगर जरूरी हुआ तो लॉकडाउन के दौरान ढील दी जा सकती है, तो कहीं सख्ती बरती जाएगी। मुंबई में कोरोना संक्रमितों की संख्या के की तेजी से बढ़ने के कारण यहां विशेष ध्यान दिया जाएगा। गौरतलब है कि इससे पहले ओडिशा और पंजाब में भी 30 अप्रैल तक लॉकडाउन बढ़ाने की घोषणा हो चुकी है।
छत्तीसगढ़ की बात करें तो वहां दूध की बिकवाली नहीं होने से परेशान डेयरी किसान पशुचारे की कालाबजारी से खारे परेशान हैं। पशुचारा के दाम में भारी इजाफा होने की वजह से डेयरी व्यवसाय में लगे लोगों पर दोहरी मार पड़ रही है। रायपुर से मिली खबर के मुतातबिक कुछ लोग लॉकडाउन का फायदा उठाने में लग गए हैं। इस वजह से डेयरी व्यवसायी संकट के इस दौर में और परेशान हो रहे हैं। हालांकि राज्य सरकार ने नापतौल विभाग को आवश्यक वस्तुओं के दाम पर नजर रखने और अधिक मुनाफा कमाने वालो पर कार्रवाई करने के आदेश दिए है। दुग्ध उत्पाद आवश्यक सेवाओं में आता तो है, मगर पशुओं का चारा है इस श्रेणी में नहीं आता। यही वजह है कि पशुचार के दाम में काफी तेजी से बढ़ोतरी हुई है।
जानिए कितने बढ़े दाम-
* कुट्टी- 250 रुपये/क्विंटल से बढ़कर 375 रुपये तक हो गया है।
* दाने का रेट 1800 रुपये से बढ़ा कर 2600 रुपये कर दिया गया है।
* चोकर 1900 रुपये में मिलता था, जिसे 2500 रुपये कर दिया गया है।
* इसी तरह चूनी, खल्ली के दाम में भी इजाफा हुआ है।
डेयरी व्यवसायियों के मुताबिक लॉकडाउन की वजह से पशु चारा व्यवसायी इसका फायदा उठा रहे हैं। इस तरह दाम में इजाफा होगा और अंकुश नहीं लगेगा तो व्यवसाय चौपट हो जाएगा। शासन-प्रशासन को इस ओर ध्यान देना चाहिए। कुछ ऐसी ही हाल मध्य प्रदेश का भी है। शहडोल के दया शंकर पाण्डेय का कहना है कि उनके गांव से रोजाना 800 लीटर दूध डेयरी कंपनियों को जाता था, जिसमें करीब 200 लीटर दूध उनकी खुद की डेरी का था। लेकिन पिछले कई दिनों से डेयरी कंपनी दूध की उठाव नहीं कर रही है। ग्रामीण इलाका होने की वजह से दूध को कहीं और बेचा नहीं जा सकता है, मजबूरी में गांव के सभी दुग्ध उत्पादक किसान दूध से घी बनाने में लगे हैं। भविष्य में घी के भी सही दाम मिलेंगे कि नहीं इसका कोई ठिकाना नहीं है।
वहीं दुग्ध उत्पादन और कॉमर्शियल डेयरी फार्मिंग के गढ़ पंजाब में बहुत बुरा हाल है। लॉकडाउन के चलते वहां डेयरी का बिजनेस बुरी तरह प्रभावित हुआ है। बठिंडा के किसान गुरमीत सिंह के मुताबिक उनके डेरी फॉर्म पर रोजना 200 लीटर दूध होता है, लेकिन अब कोई भी डेयरी कंपनी दूध लेने को तैयार नहीं है। जाहिर है कि ऐसे ही हालत देश के अन्य राज्यों के हैं। हालांकि डेयरी टुडे की राय है कि इन विपरीत परिस्थियों में डेयरी किसानों को परेशान नहीं होना चाहिए और कोशिश करनी चाहिए कि जितना अधिक हो सके दूध का घी बना बनाएं। इससे भविष्य में उन्हें अच्छे दाम मिलेंगे और घी अधिक दिनों तक रखा जा सकता है।
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Barabanki me bhi Paras ,suddh deri ,ne bhi bahut jayada dam Kam Kar deye he