डेयरी टुडे नेटवर्क,
देहरादून, 30 मई 2020,
लॉकडाउन के दौरान लाखों की संख्या में प्रवासी अपने गांवों की ओर लौट रहे हैं। ऐसे में तमाम राज्य सरकारें उन प्रवासियों के रोजगार सृजन के लिए योजनाएं लेकर आ रही हैं। उत्तराखंड में भी त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार ने लॉकडाउन (Lockdown) में वापस पहुंचे प्रवासियों के साथ-साथ राज्य में रह रहे युवाओं को रोजगार और स्वरोजगार से जोड़ने के लिए मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना (Chief Minister Self-Employment Scheme) की शुरुआत की है। इस योजना में युवाओं को पशुपालन और दुग्ध उत्पादन के व्यवसाय के माध्यम से जोड़ने की और उन्हें स्वरोजगार के साधन उपलब्ध कराने की नई पहल की गई है। बताया जा रहा है कि लॉकडाउन के चलते करीब 5 लाख प्रवासियों के उत्तराखंड में आने की उम्मीद है। ऐसे में राज्य सरकार की जिम्मेदारी हो जाती है कि इतनी बड़ी तादाद में आ रहे प्रवासियों के लिए रोजगार व स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध करवाएं।
उत्तराखंड के युवाओं व हाल ही में घर लौटे राज्य के प्रवासी लोगों को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना लॉन्च की गई है। MSME विभाग द्वारा जारी योजना की जानकारी गांव-गांव तक पहुँचाने के निर्देश दिए हैं, ताकि युवा इस योजना का लाभ उठा सकें। pic.twitter.com/nSpACVrt12
— Trivendra Singh Rawat (@tsrawatbjp) May 28, 2020
डेयरी और पशुपालन में रुझान रखने वाले युवाओं के लिए यह बहुत की खुशी की बात है कि उत्तराखंड सरकार उन्हें डेयरी व्यवसाय से जोड़ने का प्रयास कर रही है। राज्य सरकार के मुताबिक इसमें राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना तथा गाय गंगा महिला डेयरी योजना के अंतर्गत 3 व 5 दुधारू पशुओं को खरीदने के लिए लोन में 25 प्रतिशत छूट दी जाएगी। इसी के साथ शहरी क्षेत्रों में आंचल मिल्क बूथ भी स्थापित किए जाएंगे, जिसमें 20% की छूट पर लोन उपलब्ध करवाया जायेगा। योजना का लाभ दुग्ध सहकारी समिति सदस्यों को प्रदान किया जाएगा। वह व्यक्ति जो वर्तमान में दुग्ध सहकारी समिति का सदस्य नहीं है, परंतु सदस्य बनने के इच्छुक है उन्हें भी योजना अंतर्गत लाभान्वित किया जाएगा। साथ ही योजना अंतर्गत क्रय किए जाने वाले दुधारू पशु राज्य से बाहर क्रय किए जा सकेंगे ताकि प्रदेश में पशु धन की वृद्धि हो सके।
ग्रामीण क्षेत्रों की आर्थिकी सुधारना सरकार की प्राथमिकता है। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत 3 हजार दुग्ध उत्पादकों को 10 हजार दुधारू पशु उपलब्ध कराए जाएंगे और 500 आंचल मिल्क बूथ स्थापित किए जाएंगे। पशु खरीदने पर 25% व मिल्क बूथ स्थापित करने के लिए 20% सब्सिडी दी जा रही है।
— Trivendra Singh Rawat (@tsrawatbjp) May 26, 2020
इस पहल के तहत राज्य सरकार 3,000 दुग्ध उत्पादकों को कुल 10 हजार दुधारू पशु उपलब्ध कराएगी। राज्य में 500 आंचल मिल्क बूथ भी स्थापित किए जाएंगे। इसके लिए राज्य सरकार ने 1 जून से आवेदन प्राप्त करने की तिथि रखी है, जिसे प्रबंधक व प्रधान प्रबंधक दुग्ध संघ कार्यालय से प्राप्त और जमा किया जा सकता है। राज्य सरकार की मंशा है कि इन योजनाओं से पलायन पर रोक लग सकेगी और प्रवासियों को भी रोजगार का साधन मिलेगा। आपको बता दे कि उत्तराखंड सरकार चाहती है कि राज्य दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर ही नहीं बने, बल्कि अन्य प्रदेशों में दूध का निर्यात करने लायक भी बने।
महिलाओं के सिर से चारे का बोझा हटाने के लिए राज्य सरकार द्वारा हरा चारा (साइलेज) एवं पशु पोषण योजना प्रारंभ की गयी है जिसके अंतर्गत प्रदेश में गठित दुग्ध सहकारी समिति के सदस्यों को 50 प्रतिशत अनुदान पर साइलेज (मक्के का हरा चारा) उपलब्ध कराया जा रहा है।
— Trivendra Singh Rawat (@tsrawatbjp) May 26, 2020
महिलाओं के सिर से चारे का बोझा हटाने के लिए राज्य सरकार द्वारा हरा चारा (साइलेज) एवं पशु पोषण योजना प्रारंभ की गयी है, जिसके अंतर्गत प्रदेश में गठित दुग्ध सहकारी समिति के सदस्यों को 50 प्रतिशत अनुदान पर साइलेज (मक्के का हरा चारा) उपलब्ध कराया जा रहा है। इस योजना से प्रदेश के मैदानी तथा दूरदराज के जिलों में दुग्ध उत्पादकों को एक ही दर 3.25 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से साइलेज उन्हीं के द्वार पर उपलब्ध कराई जा रही है। इस योजना से दुग्ध सहकारी समिति के लगभग 50 हजार सदस्यों को लाभान्वित किया जाएगा। इस योजना से जहां पशुओं के स्वास्थ्य में सुधार होगा, वहीं दुग्ध उत्पादन बढ़ने से पशुपालकों की आमदनी भी बढ़ेगी।
* योजना में भारी सब्सिडी य दी जाएगी। मैन्युफैक्चरिंग में अधिकतम ₹25 लाख सर्विस सेक्टर में अधिकतम₹ 10 लाख तक ऋण लिया जा सकता है। इस ऋण पर दूरस्थ जिलों में 25% सब्सिडी, पर्वतीय जिलों में 20% सब्सिडी तथा मैदानी क्षेत्रों में 15% सब्सिडी मिलेगी। अधिकतम छूट ₹6.25 लाख तक मिलेगी।
— Trivendra Singh Rawat (@tsrawatbjp) May 28, 2020
मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना की मुख्य बातें:
* इस योजना से राज्य के कुशल दस्तकार, हस्तशिल्पि और बेरोजगार युवा खुद के व्यवसाय के लिए प्रोत्साहित होंगे।
*इसमें दुकान खोलना,मुर्गीपालन, पशुपालन, डेरी, मछली पालन,ब्यूटी पार्लर, ढाबा, होटल, रेस्टोरेंट आदि कार्य किए जा सकते हैं— Trivendra Singh Rawat (@tsrawatbjp) May 28, 2020
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के मुताबिक, ग्रामीण क्षेत्रों की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए ग्राम स्तर पर रोजगार के साधन उपलब्ध कराना राज्य सरकार की प्राथमिकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि गांव में निवास करने वाले ग्रामीण तथा अन्य राज्यों से आए राज्य के प्रवासियों के लिए राज्य सरकार द्वारा स्वरोजगार का यह उचित अवसर प्रदान किया जा रहा है। सीएम त्रिवेंद्र ने कहा कि पशुपालन और दुग्ध उत्पादन के माध्यम से वे अपनी आजीविका चला सकते हैं और राज्य सरकार की योजनाओं को अधिक लाभ ले सकते हैं।
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Muje bi kholni h