गोबर के लेप से कैंसर के इलाज का दावा

Navbharat Times | Updated: Jun 17, 2017, 08:00AM IST
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Poonam.Pandey@timesgroup.com
नई दिल्ली : पंजाबी बाग इलाके में डेढ़ साल से एक आयुर्वेदिक हॉस्पिटल चल रहा है, जो देसी गाय के गोबर, मूत्र, दूध, दही, घी और जड़ी बूटियों से कैंसर के मरीजों की स्थिति ठीक करने का दावा करता है। गौ हत्या के विवाद के बीच इस आयुर्वेदिक हॉस्पिटल से जुड़े लोगों का मानना है कि गाय का सिर्फ दूध ही नहीं बल्कि उसका गोबर और मूत्र तक कैंसर के मरीजों के लिए बेहद उपयोगी है।

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कैंसर रुकने का दावा : शिवाजी पार्क के पास चल रहे गौधाम आयुर्वेदिक कैंसर ट्रीटमेंट एंड रिसर्च सेंटर का दावा है कि जड़ी-बूटियों के साथ गोबर के लेप और तुलसी के पानी से कैंसर को बढ़ने से रोका जा सकता है। हॉस्पिटल के कैंसर स्पेशलिस्ट वैद्य भरत देव मुरारी ने बताया कि कैंसर शरीर में दिखाई देता है, लेकिन यह रोग मन में भी होता है, इसलिए इसका ट्रीटमेंट भी होना जरूरी है। उन्होंने कहा, ‘हम चमत्कार का दावा नहीं करते लेकिन हमने पंचगव्य (देसी गाय का मूत्र, गोबर, दूध, दही, घी) और जड़ी-बूटियों से कई मरीजों की स्थिति ठीक की है। हमें भरोसा है कि इसमें गोबर और गौ मूत्र का अहम योगदान है।’ उनका दावा है कि अगर वक्त पर मरीज आ जाए, तो कैंसर रुक सकता है। मरीज को अस्पताल में 11 या 21 दिन रखते हैं और उनका एक रूटीन सेट करते हैं। फिर मरीज को घर जाने के बाद भी उसी रूटीन को फॉलो करना होता है। मरीज को सुबह योग कराया जाता है, पंचगव्य निश्चित मात्रा में प्रोसेस करके पिलाते हैं, आयुर्वेदिक दवा देते हैं। जड़ी-बूटी का काढ़ा देते हैं और खाने में जौ की रोटी, हरी सब्जी दी जाती है। सुबह-शाम मरीज की गांठ में लेप लगाए जाते हैं। भरत देव मुरारी का कहना है कि आयुर्वेद में कैंसर नाम की चीज नहीं है, उनकी नजर में यह गांठ होती है। वह दावा करते हैं कि गोबर, गौ मूत्र और जड़ी-बूटी का लेप गांठ पर लगाकर उस पर सूरज की किरणें पड़ने से नैचुरल रेडिएशन होता है। साथ ही मरीज को तुलसी का पानी दिया जाता है, जो कीमोथेरेपी की तरह काम करता है।
रिसर्च की जरूरत : किसी मरीज की ट्रीटमेंट से पहले कैंसर की क्या स्थिति थी और ट्रीटमेंट के बाद की क्या हालत है, इस पर कोई रिसर्च नहीं हुई है। गाय के गोबर और गौ मूत्र से कैंसर बढ़ना रुक रहा है, इसे लेकर भी किसी तरह का टेस्ट नहीं हुआ है। यहां के वैद्य भी कहते हैं कि हम खुद चाहते हैं कि इस पर रिसर्च हो। हॉस्पिटल चलाने वाले श्री गौ सेवा ट्रस्ट के प्रधान शंकर दास बंसल और हॉस्पिटल के मुख्य सलाहकार अतुल सिंघल ने बताया कि पंचगव्य पर रिसर्च करने के लिए आयुष मंत्रालय को पत्र भी लिखा है।

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