डेयरी टुडे नेटवर्क,
नई दिल्ली, 28 जून 2020,
डीजल की कीमतों में लगातार हो रही लगातार बढ़ोतरी के विरोध में भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) 30 जून को देशभर में तहसील मुख्यालयों पर धरना/प्रदर्शन करेगी। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौ राकेश टिकैत ने कहा कि आज किसानों पर महंगी बिजली, खाद, कीटनाशकों की मार के बाद अब डीजल की एक ओर मार पड़ी है। महंगे डीजल से खेती की जुताई से लेकर बुआई, सिंचाई और मंडी तक ले जाने का खर्च बढ़ गया है।
उन्होंने कहा कि देश के इतिहास में पहली बार डीजल की कीमत पेट्रोल से ऊपर है। 2014 में महंगाई को मुद्दा बनाने वाली भारतीय जनता पार्टी आज महंगाई पर चुप है। किसानों की फसलो की खरीद नहीं हो पा रही है। किसानों को महगाई के अनुरूप दाम नहीं मिल पा रहा है। किसानों को सरकार कोई राहत नहीं दे पा रही है।
उन्होंने कहां कि सरकार का कार्य जनकल्याण का होता है, लेकिन भाजपा सरकार विपरीत परिस्थितियों में भी जनता की जेब से टैक्स के नाम पर पैसा निकालकर खजाना भर रही है। सरकार पब्लिक लिमिटेड कंपनी की तरह कार्य कर रही है। आज डीजल पर लगभग 50 रुपये की एक्ससाइज ड्यूटी वसूली जा रही है। सरकार तेल व बिजली पर व्यापार कर रही है। उन्होंने कहा कि पुलिस जनता की गलती पर भारी रकम वसूल रही है। सरकार का मकसद गलती सुधार नहीं बल्कि जुर्माना वसूली है। जनता अब विरोध के लिए तैयार है तथा भारतीय किसान यूनियन अब चुप रहने वाली नहीं है। जनता के साथ अन्याय में भाकियू संघर्ष के लिए तैयार है। इसीलिए आगामी 30 जून को भाकियू तहसील स्तर पर डीजल मूल्य में वृद्धि, बिजली की बढ़ी दर, वाहनों पर भारी भरकम चालान, किसानों को नलकूप का सामान न मिलने आदि समस्याओं को लेकर धरना प्रदर्शन करेगी तथा जनता को राहत दिए जाने तक यह क्रम जारी रहेगा।
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