यूपी सरकार ने पांच साल के लिए NDDB को सौंपा वाराणसी के पराग डेयरी प्लांट का प्रबंधन

नवीन अग्रवाल, डेयरी टुडे नेटवर्क,
आणंद/नई दिल्ली, 1 नवंबर 2021,

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में स्थित पराग डेयरी के प्लांट का प्रबंधन
पांच साल के लिए राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB) को सौंप दिया है। यूपी सरकार और एनडीडीबी के बीच सोमवार को लेकर एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में डेयरी फार्मिंग को बढ़ावा देने के प्रयास में, उत्तर प्रदेश सरकार ने राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) से पांच साल की अवधि के लिए वाराणसी दुग्ध संघ का प्रबंधन करने का अनुरोध किया था। एनडीडीबी ने राज्य के डेयरी सहकारी व्यवसाय को मजबूत करने के इस अनुरोध को स्वीकार कर लिया है। सोमवार को वर्चुअल मीटिंग के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार, प्रादेशिक सहकारी डेयरी फेडरेशन लिमिटेड (पीसीडीएफ), वाराणसी दुग्ध संघ और एनडीडीबी के बीच इस आशय के एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए।

वर्चुअल समारोह के दौरान यूपी के पशुपालन, डेयरी विकास और मत्स्य पालन मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी, केंद्रीय डेयरी और पशुपालन सचिव अतुल चतुर्वेदी, डेयरी मंत्रालय में संयुक्त सचिव वर्षा जोशी, एनडीडीबी के अध्यक्ष मीनेश शाह, यूपी डेयरी विकास के प्रमुख सचिव सुधीर गर्ग, यूपी सरकार के दुग्ध आयुक्त भूषण लाल सुशील प्रभारी, पीसीडीएफ के प्रबंध निदेशक अरुण मिश्रा मौजूद रहे।

इस अवसर पर लक्ष्मी नारायण चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री के किसानों की आय को दोगुना करने के उद्देश्य के अनुरूप, एनडीडीबी की यह विकासात्मक पहल दूध उत्पादकों को न सिर्फ प्रेरित करेगी, बल्कि उन्हें जरूरी आर्थित लाभ भी देगी। उन्होंने कहा कि यह समझौता उत्तर प्रदेश के दूध उत्पादकों को आवश्यक बाजार पहुंच प्रदान करेगा। इस समझौते से वाराणसी मिल्क यूनियन के डेयरी प्लांट को चलाने के लिए बायोगैस का उपयोग किया जाएगा। और यह अनूठी प्रौद्योगिकी संचालित पहल ग्रामीण इलाकों में समृद्धि लाएगी। उन्होंने पूरे भारत में आधुनिक डेयरी संयंत्र स्थापित करने और उन्हें लाभदायक बनाने में एनडीडीबी की विशेषज्ञता की सराहना भी की।

समारोह को संबोधित करते हुए केंद्र सरकार में डेयरी और पशुपालन सचिव अतुल चतुर्वेदी ने रिकॉर्ड समय में इस परियोजना को शुरू करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार को धन्यवाद दिया। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी जी के दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के सपने को पूरा करने के लिए उत्तर प्रदेश में गिर परियोजना शुरू की गई है। राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत शामिल की गई गिर गायों का उपयोग आईवीएफ तकनीक के माध्यम से उत्पादकता बढ़ाने के लिए किया जाएगा और जल्द ही वाराणसी मिल्क यूनियन प्लांट 2 लाख लीटर दूध को संसाधित करने में सक्षम होगा। उन्होंने आगे कहा कि वाराणसी मिल्क यूनियन बायोगैस आधारित ट्राई जेनरेशन प्लांट स्थापित करने वाला देश का पहला दुग्ध संघ होगा। संयंत्र से डेयरी की संपूर्ण ऊर्जा आवश्यकता को पूरा करने और पारंपरिक ईंधन के उपयोग को कम करके कार्बन फुटप्रिंट को कम करने में महत्वपूर्ण योगदान देने की उम्मीद है।

इस अवसर पर एनडीडीबी के अध्यक्ष मीनेश शाह ने वाराणसी दुग्ध संघ को आवश्यक सहायता का आश्वासन दिया ताकि वे अपने सदस्यों की बेहतर सेवा कर सकें। उन्होंने कहा कि डेयरी बोर्ड का प्रयास शासन प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करना, दुग्ध उत्पादकों को लाभकारी मूल्य प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित करना और उपभोक्ताओं को सुरक्षित और स्वच्छ तरल दूध और दूध उत्पाद सुनिश्चित करना होगा। केंद्रीय डेयरी विभाग में संयुक्त सचिव वर्षा जोशी ने किसानों की आय बढ़ाने, महिलाओं को सशक्त बनाने, पर्यावरण संरक्षण और उपयुक्त तकनीक का उपयोग करने के प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण को पूरा करने के लिए मिलकर काम करने की आवश्यकता का उल्लेख किया।

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