नवीन अग्रवाल, डेयरी टुडे नेटवर्क,
नई दिल्ली, 14 अप्रैल 2023
मोदी सरकार ने आज स्पष्ट कर दिया है कि देश में दूध, दही, बटर और दूसरे डेयरी उत्पादों की कोई कमी नहीं है। केंद्रीय मत्स्य, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला ने डेयरी उत्पादों की कमी के कयासों को खारिज करते हुए शुक्रवार को कहा कि ऐसी सभी खबरें निराधार हैं। इसके साथ ही रुपाला ने यह कहा कि देश में दूध या अन्य डेयरी प्रोडक्ट्स का आयात करने की भी कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार लगातार इस मामले में अपनी नजरें बनाए हुए है।
उन्होंने तमाम कयासों के बीच साफ किया कि भारत को अभी बटर या किसी भी अन्य डेयरी उत्पाद का आयात करने की जरूरत नहीं है। देश में ही मौजूद संभावनाओं का अच्छे से दोहन नहीं किया गया है। ऐसे में घरेलू क्षेत्र से ही डेयरी उत्पादों की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित हो जाएगी और इंडस्ट्री की स्थिति को सुधार लिया जाएगा।
केंद्रीय पशुपालन एवं डेयरी मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला शुक्रवार को एक कार्यक्रम में हिस्सा ले रहे थे। उन्होंने इस दौरा संवाददाताओं से बात करते हुए देश में डेयरी उत्पादों की कमी के कयासों को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने इस मामले पर सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि इन कयासों में कोई सच्चाई नहीं है। डेयरी उत्पादों का देश में कोई आयात नहीं होगा। देश में दूध या दूध से बने उत्पादों की कोई कमी नहीं है। सरकार लगातार स्थिति की निगरानी कर रही है।
श्री रुपाला ने दावा किया कि भले ही दूध व दूध से बने उत्पादों की मांग बढ़ी है, लेकिन देश में ही इसका काफी बड़ा क्षेत्र है, जिसका फायदा नहीं उठाया गया है। हम उनका इस्तेमाल करने का प्रयास करेंगे। हम इसे अच्छे से मैनेज करेंगे। इस बारे में चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि कयासों को लेकर न तो किसानों को घबराने की जरूरत है, न ही ग्राहकों को चिंता करने की जरूरत है। दूध व डेयरी उत्पादों की कीमतों में लगातार हो रही बढ़ोतरी को लेकर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस बारे में चिंता नहीं होनी चाहिए। किसानों को अच्छा भाव मिल रहा है।
आपको बता दें कि आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 2021-22 के दौरान देश में दूध का कुल उत्पादन 221 मिलियन टन रहा था। यह साल भर पहले के 208 मिलियन टल् की तुलना में 6।25 फीसदी ज्यादा था। हालांकि पिछले कुछ महीनों के दौरान लम्पी वायरस की बीमारी व कुछ अन्य परिस्थितियों ने बाजार को प्रभावित किया है। बीमारी से दूध का उत्पादन प्रभावित हुआ है, वहीं दूसरी ओर पशुओं के चारे के भाव तेजी से बढ़े हैं। यही कारण है दूध के दाम में लगातार वृद्धि देखने को मिली है, जो आम लोगों की रसोई के बजट को बिगाड़ रहा है।
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