नई दिल्ली,16 अगस्त 2017,
स्वतंत्रता दिवस के मौके पर देश के सबसे बड़े अस्पताल एम्स की ओर मरीजों को राहत दी गई है। इस मौके पर एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने इलाज, मेडिकल शिक्षा व शोध में सुधार के लिए कई एलान किए। उनमें से ही एक है कि एम्स में 500 रुपए से कम की कीमत वाले टेस्ट मुफ्त में होंगे। यह प्रस्ताव स्वास्थय मंत्रालय को भेजा जाएगा।
प्रस्ताव पास होने के बाद मरीजों को एम्स में ब्लड टेस्ट, एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड टेस्ट जैसी कई जांचों के लिए अपनी जेब से पैसा खर्च नहीं होगा। एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि देश का अग्रणी चिकित्सा संस्थान होने के नाते देश भर के लोग एम्स में इलाज के लिए आते हैं। हर साल इलाज के लिए करीब 30 लाख मरीज यहां पहुंचते हैं। भीड़ अधिक होने से मरीजों को कई तरह की परेशानियां भी होती हैं। संस्थान में सर्जिकल ब्लॉक बनकर तैयार है। मातृ व शिशु ब्लॉक तथा ओपीडी ब्लॉक भी जल्द तैयार हो जाएंगे। इसके अलावा हरियाणा के झज्जर कैंपस में राष्ट्रीय कैंसर संस्थान का निर्माण अगले साल सितंबर-अक्टूबर तक पूरा हो जाएगा। एक साल में सभी नए ब्लॉकों में मरीजों का इलाज शुरू हो जाएगा।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक एम्स में हर रोज लगभग 10,000 से ज्यादा मरीज ऐसे आते हैं। जो कि इन टेस्टों को करवाते हैं। वहीं लगभग 2000 लोग रोजाना अस्पताल में भर्ती किए जाते हैं। एम्स हर साल लगभग 101 करोड़ की कमाई सिर्फ इन टेस्टो, एडमिशन फीस और रजिस्ट्रेशन फीस के जरिए ही कमा लेता है।
प्राइवेट वार्ड में इलाज का बढ़ेगा खर्च
एम्स में मरीजों को ओपीडी पंजीकरण के लिए 10 रुपये का भुगतान करना पड़ता है। इसके अलावा कई ऐसी जांच हैं जिनका शुल्क 500 रुपये से कम है। अक्सर मरीजों को कई तरह की जांच करानी पड़ती है। ऐसे में मरीजों को शुल्क भुगतान के लिए कई बार लाइन में लगना पड़ता है। डॉ. गुलेरिया ने कहा कि 500 रुपये से कम शुल्क की जांच से संस्थान को खास राजस्व नहीं मिलता है बल्कि शुल्क जमा करने के लिए लाइन में लगने वाले मरीजों या तीमारदारों को परेशानी अधिक होती है। इसलिए 500 रुपये से कम शुल्क नहीं लिए जाएंगे। इससे गरीब मरीजों को आर्थिक राहत भी मिलेगी। रणदीप गुलेरिया के अनुसार अस्पताल में लगभग 266 प्राइवेट रूम हैं, अगर हम प्राइवेट वार्ड का पैसा बढ़ाते भी हैं तो इससे लोगों को ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा। क्योंकि किसी भी प्राइवेट अस्पताल में एक रूम का चार्ज करीब 5000 या 10000 होता बल्कि एम्स में यह सुविधा काफी सस्ती है।
अगले महीने शुरू होगा विश्राम सदन
एम्स में मरीज और उनके तीमारदार परिसर के अंदर व बाहर सड़क किनारे फुटपाथ पर पड़े दिखते हैं। अब 200 बेड की क्षमता वाला बहुमंजिला विश्राम सदन बनकर तैयार है। इसे अगले महीने शुरू किया जाएगा। इससे मरीजों को विश्राम सदन में जगह मिल पाएगी।
कंपनियों से फंड जुटाएगा एम्स
एम्स ने कंपनियों के सीएसआर (कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसबिलिटी) फंड से बजट एकत्रित करने की योजना तैयार की है। डॉ. गुलेरिया ने कहा कि इस कार्य के लिए एक कमेटी गठित की गई है। मीडिया प्रोटोकॉल डिविजन की चेयरमैन डॉ. आरती विज ने कहा कि सभी कंपनियों के लिए दो फीसद बजट सीएसआर के तहत सामाजिक कार्यो में खर्च करना अनिवार्य है। इसके तहत एम्स कंपनियों से समझौता करेगा और उनसे मिले फंड को गरीब मरीजों के इलाज पर खर्च करेगा।
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