डेयरी टुडे नेटवर्क,
जम्मू, 4 मार्च 2020,
जम्मू-कश्मीर में वर्ष 2024 तक दुग्ध उत्पादन को दोगुना करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए राज्य में डेयरी फार्मिंग को व्यावसायिक गतिविधि की तरह प्रोत्साहित किया जाएगा और डेयरी सेक्टर में रोजगार सृजन के अवसर बढ़ाए जाएंगे। इतना ही नहीं दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के लिए जम्मू-कश्मीर में स्वयं सहायता समूह और डेयरी सहकारिता समितियों का गठन भी किया जाएगा। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल जीसी मुर्मू ने बुधवार को डेयरी विभाग की उच्चस्तरीय बैठक में यह बात कही। बैठक में जम्मू-कश्मीर में डेयरी क्षेत्र की मौजूदा स्थिति का आकलन किया गया साथ ही डेयरी उद्योग को विकसित बनाने के लिए तैयार किए गए रोडमैप की समीक्षा की गई।
जाहिर है कि मौजूदा समय में जम्मू कश्मीर में रोजाना 70 लाख लीटर दूध पैदा होता है। इसमें 2.5 लाख लीटर दूध को ही सहकारी समितियों और निजी कंपनियों द्वारा प्रासेस किया जाता है। हर साल 962.92 करोड़ का 177.66 हजार मीट्रिक टन दूध और दूध उत्पाद अन्य राज्यों से जम्मू कश्मीर में आयात किए जाते हैं। बैठक में उपराज्यपाल के सलाहकार राजीव राय भटनागर, भारत सरकार के पशुपालन एवं डेयरी विभाग में सचिव अतुल चतुर्वेदी, जम्मू कश्मीर के मुख्य सचिव बीवीआर सुब्रह्मण्यम, वित्तायुक्त वित्त विभाग अरुण कुमार मेहता, भेड़ एवं पशु पालन विभाग के प्रधान सचिव असगर हसन सामून व अन्य संबंधित प्रशासनिक अधिकारी, अमूल के एमडी आर एस सोढ़ी, नेशनल डेयरी डिवेल्पमेंट बोर्ड के अधिकारी भी मौजूद थे। प्रधान सचिव भेड़ एवं पशुपालन विभाग ने बताया कि बताया कि विभाग ने कृत्रिम गर्भाधान में निर्धारित लक्ष्य का 29 प्रतिशत हासिल किया जा चुका है,शेष 70 प्रतिशत को अगले दो वर्षो में हासिल किया जाएगा। इससे भी जम्मू कश्मीर में डेयरी फार्मिंग को व्यावसायिक गतिविधि के तौर पर विकसित करने और इस क्षेत्र में रेाजगार के अवसर बढ़ाने की दिशा में मदद मिलेगी।
पशुपालन एवं डेयरी विभाग के सचिव अतुल चतुर्वेदी ने बैठक में बतया कि गोवंश और डेयरी के विकास के लिए भारत सरकार द्वारा किसानों को उनके द्वार पर ही कृत्रिम गर्भाधान की सुविधा के लिए शत-प्रतिशत केंद्र की मदद मिलेगी। साल में दो बार 53 करोड़ जानवरों के टीकाकरण का लक्ष्य रखा गया है। भारत सरकार दुग्ध उत्पादन और डेयरी किसानों की आय को दुगना बनाने के लिए भारत सरकार त्रिस्तरीय रणनीति पर काम कर रही है। किसानों के लिए रोगमुक्त जानवरों का सुनिश्चित बनाया जा रहा है। जानवरों की नस्ल में सुधार किया जा रहा है और किसानों लागत राशि में कमी लाने का प्रयास किया जा रहा है।
Lt Governor reviews roadmap for expansion of Dairy Sector https://t.co/1Z1D9pZdYL Laudable initiative by head of Jammu & Kashmir administration for ensuring growth of local economy as well as for doubling the farmers income of J&K @PMOIndia @girirajsinghbjp
— atul chaturvedi (@atul1chaturvedi) March 5, 2020
उपराज्यपाल ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वह टीकाकरण के दायरे में आने वाले सभी जानवरों का डाटा बेस तैयार करने, कृत्रिम गर्भाधान की संख्या को बढ़ाने, उच्च गुणवत्ता वाले क्रॉसब्रीड जानवरों की संख्या बढ़ाने के लिए एक समग्र कार्ययोजना तैयार करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि डेयरी क्षेत्र में बहुत संभावनाएं हैं। यह किसानों विशेषकर कमजोर वर्गों और भूमिहीन किसानों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में बहुत बड़ा बदलाव ला सकता है। उन्होंने संबधित अधिकारियों को ब्लाक और पंचायत स्तर पर दूध जमा करने के केंद्र स्थापित करने, क्लस्टर एप्रोच अपनाने के लिए कहा। उन्होंने डेयरी क्षेत्र में आथिक फायदे और रोजगार के अवसरों के बारे में आम लोगों में जानकारी पैदा करने के साथ स्वयसेवीसमूह और डेयरी सहकारी समितियों के गठन पर भी जोर दिया।
(साभार)
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