श्रीनगर, 11 जुलाई 2017
जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में अमरनाथ यात्रियों की बस पर हुए आतंकी हमले में 7 श्रद्धालुओं की मौत हो गई है. ये हमला सोमवार रात करीब 8.20 बजे हुआ. हमले में 19 श्रद्धालु जख्मी हुए हैं, जिन्हें पास के अस्पताल में भर्ती कराया गया है. ये हमला अनंतनाग के बटेंगू इलाके में हुआ है. शुरुआती जानकारी के मुताबिक 2 हमलावर बाइक पर आए थे. मृतकों में पांच महिलाएं शामिल हैं. आतंकी इस हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयब्बा ने ली है. आतंकियों की तलाश के लिए पूरे इलाके में सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है.
आतंकी हमले में घायल हुए श्रद्धालुओं से मिलने के लिए जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती अस्पताल पहुंचीं. महबूबा मुफ्ती ने कहा कि इस हमले से कश्मीर का सिर शर्म से झुक गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे कायराना हमला करार दिया है.
पीएम मोदी ने की हमले की निंदा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि शांतिपूर्ण अमरनाथ यात्रियों पर कायरतापूर्ण हमले पर दुख जताने के लिए शब्द नहीं हैं. उन्होंने कहा कि भारत ऐसे कायरतापूर्ण हमलों और घृणा के नापाक मंसूबों के आगे झुकने वाला नहीं है. पीएम ने जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल एन एन वोहरा और मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती से बात की और हरसंभव मदद का आश्वासन दिया. वहीं इस हमले के बाद कश्मीर घाटी में एक बार फिर इंटरनेट सेवा बैन कर दिया गया है.
चश्मदीद ने बताया हाल
हमले के वक्त बस में मौजूद योगेश प्रजापति ने ‘आजतक’ से एक्सक्लूसिव बातचीत में बताया कि बस के दाहिने तरफ से हमला किया गया और उस तरफ काफी अंधेरा था. प्रजापित ने बताया कि जैसे ही हमला हुआ ड्राइवर ने बस वहां से तेज कर ली और काफी आगे जाकर एक चौक पर बस रोकी.
इस बीच ये भी जानकारी सामने आई है कि ये बस श्रीनगर से बिना पुलिस बल के ही चली थी. जिस वक्त हमला हुआ तब अमरनाथ यात्रियों से भरी ये बस बालटाल से मीर बाजार की तरफ जा रही थी. इसी दौरान आतंकियों ने बस पर फायरिंग करनी शुरू कर दी.
रोका गया यातायात
इस हमले के बाद सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है. एहतियात के तौर पर जम्मू-श्रीनगर हाईवे को बंद कर दिया गया है. जिस बस पर ये आतंकी हमला हुआ है वो श्राइन बोर्ड में रजिस्टर्ड नहीं है. यानी इस बस के साथ कितनी सुरक्षा व्यवस्था थी इसकी जांच की जा रही है.
गुजरात के हैं सभी मृतक
आतंकी हमले का शिकार हुई ये बस गुजरात नंबर की है. बताया जा रहा है कि बस में मौजूद सभी यात्री गुजरात के रहने वाले थे. जानकारी के मुताबिक ये लोग श्राइन बोर्ड के बजाय खुद से ही बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए जा रहे थे.
गौरतलब है कि अमरनाथ यात्रा के दौरान आतंकी हमलों को लेकर कई लेवल में सुरक्षा की व्यवस्था की गई है. एक-एक यात्री की सुरक्षा सुनिश्चित करने का दावे किया गया था, फिर ये आतंकियों ने श्रद्धालुओं को टारगेट कर कैसे हमले का अंजाम दिया, ये बड़ा सवाल है. केंद्र सरकार की ओर से इस बार श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर अतिरिक्त सुरक्षाबलों की भी तैनाती की गई है.
दअरसल 40 दिन तक चलने वाली अमरनाथ तीर्थयात्रा 29 जून को शुरू हुई थी और 7 अगस्त को खत्म होगी. सुरक्षाबलों ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरा, ड्रोन, बुलेटप्रूफ मोबाइल बंकर सहित अन्य उपकरणों का इस्तेमाल कर रहे हैं.
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