डेयरी टुडे नेटवर्क,
नई दिल्ली, 18 जून 2020,
‘अमूल दूध पीता है इंडिया’ के साथ अब यह भी कहा जाएगा कि ‘अमूल आटा खाता है इंडिया’। जी हां देश की सबसे बड़ी डेयरी कंपनी अमूल डेयरी दूध, दही, बटर, छाछ के बाद अब देशभर में अमूल ब्रांड का आटा बेचने की तैयारी कर रही है। अमूल डेयरी भारत के 15,000 करोड़ से 17,000 करोड़ रुपए के ब्रांडेड आटा और गेहूं आटा मार्केट में कदम रखने की योजना कर काम रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार गुजरात के आणंद में इसका पायलट प्रोजेक्ट चल रहा है। अमूल के इस प्रोजेक्ट से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक दीपावली के आसपास इसे लॉन्च किया जा सकता है। जाहिर है कि बड़े कंज्यूमर ब्रांड अमूल के आटा मार्केट में आने के बाद ब्रांडेड आटा बाजार में पहले से पैर जमाए बैठे ITC आशीर्वाद, गोदरेज पिल्सबरी, पतंजलि और अडानी के फॉर्च्यून ब्रांड को कड़ी टक्कर मिलेगी।
आपको बता दें कि देश की सबसे बड़ी डेयरी कंपनी अमूल का समूचे भारत में व्यापक नेटवर्क है। देश में अमूल के 10,000 डिस्ट्रिब्यूटर और 10 लाख रिटेल आउटलेट हैं, जिनके जरिए वह दूध, दही, फ्लेवर्ड मिल्क, बटर, पनीर, चॉकलेट्स, चीज और केक जैसे अनगिनत उत्पादों की बिक्री करता है। बताया जा रहा है कि अमूल आटा को खासकर इम्यूनिटी पावर बढ़ाने वाले प्रोडक्ट से तैयार किया जाएगा। कंपनी का मकसद इम्यूनिटी बूस्ट प्रोडक्ट्स पर है।
कोरोना महामारी के समय इम्युनिटी सिस्टम को मजबूत बनाने के मकसद से अमूल ने हाल ही में खास प्रॉडक्ट्स हल्दी दूध, तुलसी दूध और जिंजर दूध को लॉन्च किया है। कंपनी ने कहा है कि कोरोना से बचने के लिए इम्यूनिटी मजबूत होनी चाहिए। अब अमूल अश्वगंधा दूध, हनी दूध भी लॉन्च करने की तैयारी में हैं। इसके अलावा, अमूल बिस्किट सेगमेंट में भी उतर सकता है।
इंडस्ट्री के जानकारों का कहना है कि ब्रांडेड आटा मार्केट में अमूल की एंट्री से प्रतिस्पर्धा काफी रोचक हो सकती है। ब्रांडेट आटा मार्केट में कई बड़ी कंपनियां हैं। इनमें आईटीसी लिमिटेड भी है, जिसके पास सबसे ज्यादा मार्केट शेयर है। आटीसी आशीर्वाद ब्रांड के तहत आटा बेचती है। इसी तरह, गोदरेज ग्रुप ‘पिल्सबरी’ और अडानी ग्रुप ‘फॉर्च्यून’ ब्रांड से आटा की बिक्री करते हैं। वहीं बाबा रामदेव के पतंजलि आटा का भी अच्छा-खासा मार्केट शेयर है।
अमूल के इस कदम पर एक विश्लेषक का कहना है कि वैसे तो अमूल ब्रांड काफी मजबूत है, लेकिन फिर भी मार्केटिंग और विज्ञापन पर उसका खर्च अधिक हो सकता है। आमतौर पर अमूल ब्रांड बिल्डिंग पर अपने रेवेन्यू का 2-3 फीसदी खर्च करता है। चूंकि अधिकांश डेयरी किसान गेहूं उत्पादक भी हैं और अमूल सीधे तौर पर 36 लाख किसानों से जुड़ा है। ऐसे में गेहूं खरीद के लिए अमूल किसानों से साझेदारी कर सकता है। इसके अलावा, अमूल बिस्किट सेगमेंट भी उतर सकता है। वित्त वर्ष 2019 तक चार साल में अमूल ने 101 नए प्रोडक्ट उतारे हैं। अमूमन हर महीने दो प्रोडक्ट अमूल ने पेश किए हैं।
गुजरात को-ऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन (GCMMF), जिसके पास अमूल, अमूल्य और सागर ब्रांड का स्वामित्व है, ने ब्रांडेट आटा सेगमेंट पर अपनी योजना के बारे में कुछ भी कहने से इनकार किया है। अमूल का रेवेन्यू वित्त वर्ष 2020 में 16.1 फीसदी बढ़कर 38,550 करोड़ रुपये हो गया। वित्त वर्ष 2019 में यह 13.5 फीसदी बढ़कर 33,194 करोड़ रुपये रहा था जबकि शुद्ध मुनाफा 8.3 फीसदी बढ़कर 52.8 करोड़ रुपये रहा था।
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