डेयरी टुडे नेटवर्क
सिद्धार्थनगर/बलरामपुर/लखनऊ, 18 अगस्त 2017
पूर्वी उत्तर प्रदेश में बाढ़ का कहर जारी है। पूर्वांचंल के बीस से ज्यादा दिले बाढ़ के पानी में घिरे हुए हैं। गोंडा, बलिया, बलरामपुर, महाराजगंज, गोरखपुर, देवरिया आदि जिलों के हजारों गांवों में पानी भरा हुआ है। बाढ़ की वजह से जानमाल का भारी नुकसान हो रहा है। एनडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन का पूरा जोर बाढ़ में घिरे लोगों को बचाने का है। लेकिन गांवों में लगभर हर ग्रामीण के पास गाय या भैंस होती है और ये इनकी आजीविका का मुख्य साधन भी हैं। बाढ़ के पानी में लोग तो अपनी जान बचा कर सुरक्षित स्थानों पर जा रहे हैं लेेकिन इन जानवरों को राहत पहुंचाने में प्रशासन नाकाम साबित हो रहा है।
पूर्वांचल के तमाम जिलों में कामधेनु योजना के तहत तमाम डेयरियां ग्रामीण इलाकों में खोली गई हैं, इनमें से भी कई डेयरियां बाढ़ के पानी की चपेट में आ गई है। सिद्धार्थनगर में डॉ. अलौकिक की कामधेनु डेयरी भी बाढ़ के पानी में घिर गई है। हालत ये ही इस डेयरी में जाने के सभी रास्ते बंद हो गए हैं। इस डेयरी में सौ से ज्यादा गाय हैं और सभी पानी में फंसी हुई है।
बलरामपुर के ग्रामीण इलाके में स्थित आशीष भारती की कामधेनु डेयरी में भी राप्ती नदी की बाढ़ का पानी घुस आया है। बिजली पुर मंदिर गांव में स्थित इनकी डेयरी में कुुल 35 जानवर हैं लेकिन बाढ़ के चलते इन्होंने सभी जानवरों को सड़क पर बांध दिया है। पशुओं का चारा पानी में डूब कर बर्बाद हो चुका है। पशुओं को खिलाने के लिए कुछ नहीं बचा है। चारों तरफ पानी ही पानी है। आशीष भारती के मुताबिक सात दिनों से वो अपनी गायों को सड़क पर बांधे हुए हुए हैं, बड़ी मुश्किल से जानवरों के चारे का इंतजाम हो पा रहा है। लेकिन प्रशासन की तरफ से कोई मदद नहीं मिल रही है। योगी सरकार तमाम दावे कर रही है लेकिन जमीनी हकीकत ये है कि इंसान और जानवर सभी परेशान हैं। डेयरी संचालकों को समझ में नहीं आ रहा है कि वो क्या करें।
कामधेनु डेयरी फार्मर्स वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष नवनीत महेश्वरी ने बताया कि बाढ़ में घिरी कामधेनु डेयरियों के लिए राहत और बचाव कार्य युद्ध स्तर पर चलाए जाने की जरूरत है। क्यों कि इन डेयरियों में ज्यादातर हॉलिस्टियं फ्रीशियन गायें हैं और ये गायें ज्यादा दिनों तक इन हालातों का सामना नहीं कर सकती है। उन्होंने प्रदेश सरकार और पशुपालन विभाग से जल्द से जल्द इन डेयरियों को बचाने और यहां फंसे जानवरों को सुरक्षित स्थानों पर लाने की अपील की है। शासन ने बाढ़ आपदा केंद्र के दो नंबर जारी किए हैं, जिन लोगों को सरकार से मदद चाहिए वो 0522-2741991, 0522-2741992 पर कॉल कर सकते हैं।
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