उत्तर प्रदेश : बैंकों ने फंसाई 10 लाख किसानों की कर्जमाफी!

डेयरी टुडे नेटवर्क,
लखनऊ, 16 अप्रैल 2018,

प्रदेश के करीब 10 लाख किसानों की कर्जमाफी बैंकों की वजह से फंस गई है। सरकार के पोर्टल पर आई इन शिकायतों में ज्यादातर ऐसी हैं, जिसमें बैंकों ने पुराना खाता बंद करके नया खाता खोल दिया। उसके बाद पुराना कर्ज नए खाते में चढ़ा दिया। अब इन शिकायतों की सुनवाई जिलास्तरीय समितियां करेंगी। समिति के निर्णय पर निभर करेगा कि सभी किसानों का कर्ज माफ होगा या नहीं। कर्ज माफ होता भी है तो यह भी नहीं पता कि उसमें कितना वक्त लगेगा।

पहली कैबिनेट में लिया था कर्जमाफी का निर्णय

आपको बता दें कि प्रदेश सरकार ने पिछले साल अप्रैल में हुई पहली कैबिनेट में कर्जमाफी का निर्णय लिया था। दोहरे खातों की छंटनी करने के बाद भी सरकार ने माना था कि लगभग 66 लाख किसानों का कर्ज माफ किया जाएगा। इसके लिए 36 हजार करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया था, लेकिन तीन चरण में करीब 34 लाख किसानों का 21 हजार करोड़ रुपये का कर्ज ही माफ हो सका। मार्च में 15 हजार करोड़ की धनराशि बच गई।

बैंकों की कार्यशैली पर बड़ा सवाल

इस बीच शिकायतें आने लगीं तो हंगामा हुआ। सरकार ने शिकायतों के लिए पोर्टल बनाया। एनबीटी ने बैंकों की गड़बड़ियों का खुलासा किय, जिसके बाद शिकायत करने की तारीख 15 अप्रैल तक बढ़ाई गई। अब तक लगभग 10 लाख किसान तो शिकायतें कर चुके हैं। इनमें बैंकों की गड़बड़ियों की ढेरों शिकायतें हैं। बैंकों ने एनपीए बताकर किसानों का खाता बंद कर नया केसीसी खाता खोल दिया। उस पर फिर से पुराना वाला कर्ज चढ़ा दिया। एनपीए होने के बाद नए खाते में पुरान कर्ज चढ़ाना अपने आप में बैंकों पर बड़ा सवाल है।

शिकायतों के निस्तारण में लगेगा वक्त

अगर इन किसानों का कर्ज माफ होता भी है तो इसमें बहुत वक्त लगेगा। इसकी वजह यह है कि सभी शिकायतें संबंधित जिलों की जिलास्तरीय समितियों को जाएंगी। डीएम की अध्यक्षता वाली यह समिति परीक्षण करेगी। इसके बाद अर्ह किसानों की कर्जमाफी की डिमांड जनरेट की जाएगी। तब कृषि विभाग वह पैसा बैंकों को देगा। इसमें कई महीने लग सकते हैं।

(साभार-नवभारत टाइम्स)

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