IVRI की बड़ी उपलब्धि, पशुओं में ब्रूसीलोसिस बीमारी की रोकथाम के लिए विकसित की नई उन्नत वैक्सीन

डेयरी टुडे नेटवर्क,
बरेली, 13 जनवरी 2021,

पशुपालकों के लिए एक बहुत ही अच्छी खबर है। पशुओं में होने वाली ब्रूसीलोसिस बीमारी की रोकथाम के लिए मेड इन इंडिया वैक्सीन बनकर तैयार है। पांच साल की रिसर्च के बाद भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, बरेली (IVRI) ने यह वैक्सीन बनाई है। इस वैक्सीन का नाम ब्रुसेल्ला एबोटस-19 डेल्टापर वैक्सीन है। भारत में निर्मित यह नई वैक्सीन पशुओं में ब्रूसीलोसिस रोग के संक्रमण एवं इसके प्रसार को अब काफी हद तक कम कर देगी। इस वैक्सीन को इसकी सुरक्षा जांच के बाद बड़े स्तर पर उत्पादन के लिए जारी भी कर दिया गया है। जल्द ही यह नया टीका बाजार में आने की उम्मीद है।

जाहिर है कि ब्रूसीलोसिस रोग ब्रुसेल्ला नामक जीवाणु से फैलने वाली बीमारी है, जो जानवरों और इंसानों दोनों को प्रभावित करती है। इंसानों में यह रोग संक्रमित जानवरों के उत्पाद, जैसे कच्चा दूध या उससे बने उत्पादों के प्रयोग से फैलता है। रोगी मनुष्यों में बुखार, भूख न लगना, सुस्ती, जोड़ों में दर्द जैसे लक्षण पाए जाते हैं। वहीं, पशुओं, जैसे गाय, भैंस, बकरी, भेड़ व सुअर आदि में गर्भपात हो जाता है। इस समस्या को रोकने के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद व भारत सरकार के बायोटेक्नोलॉजी विभाग ने मिलकर ब्रुसीलोसिस नेटवर्क प्रोग्राम के तहत आइवीआरआइ को शोध के लिए यह प्रोजेक्ट दिया था।

IVRI के जीवाणु एवं कवक विज्ञान विभाग के प्रधान वैज्ञानिक एवं प्रोजेक्ट के मुख्य शोधकर्ता डॉ. पल्लव चौधरी बताते हैं कि अभी तक ब्रूसीलोसिस पीड़ित पशुओं में संक्रमण को दूर करने के लिए ब्रुसेल्ला एबोटस एस-19 वैक्सीन थी। इसमें कई कमियां थीं, जिसकी वजह से वयस्क पशुओं जैसे गाय, भैंस आदि में कभी-कभी गर्भपात हो जाता है। साथ ही एंटीबॉडी परीक्षणों के आधार पर टीकाकृत व संक्रमित पशुओं की पहचान संभव नहीं थी। नई वैक्सीन के प्रयोग से टीकाकृत व संक्रमित पशुओं में भिन्नता की जांच कर पाना भी अब संभव होगा। इन समस्याओं को रोकने और रोग के फैलाव को कम करने के लिए नई वैक्सीन तैयार की है।

बताया गया है कि इस वैक्सीन को विकसित करने के लिए चूहा-गिनी पिग और भैंस पर शोध किया गया। विभिन्न चरणों में ट्रायल हुए। जेनेटिक इंजीनियरिंग तकनीक से ब्रूसीलोसिस बैक्टीरिया के आकार को बदल कर रोग पैदा करने की क्षमता को कम किया गया। नई वैक्सीन काफी सुरक्षित भी है। आपको बता दें कि ब्रूसीलोसिस बीमारी की वजह से भारतीय डेयरी उद्योग को पशुओं के बांझपन, गर्भपात और कम उत्पादन की वजह से सालाना 20 हजार करोड़ रुपये का नुकसान होता है।

Note:– कृपया इस खबर को अपने दोस्तों और डेयरी बिजनेस, Dairy Farm व एग्रीकल्चर सेक्टर से जुड़े लोगों के साथ शेयर जरूर करें..साथ ही डेयरी और कृषि क्षेत्र की हर हलचल से अपडेट रहने के लिए हमारे फेसबुक पेज https://www.facebook.co m/DAIRYTODAY/ पर लाइक अवश्य करें। हमें Twiter @DairyTodayIn पर Follow करें।

Editor

Recent Posts

हरियाणा के डेयरी किसान गुरुमेश बने मिसाल, डेयरी फार्म से हर महीने 15 लाख की कमाई

डेयरी टुडे नेटवर्क, करनाल, 5 नवंबर 2024, हरियाणा के करनाल के प्रगतिशील डेयरी किसान गुरमेश…

3 days ago

केंद्रीय डेयरी एवं पशुपालन मंत्री ने जारी किए मानक पशु चिकित्सा उपचार दिशानिर्देश (SVTG)

नवीन अग्रवाल, डेयरी टुडे नेटवर्क, नई दिल्ली, 25 अक्टूबर 2024, केंद्रीय डेयरी, पशुपालन एवं मत्स्यपालन…

2 weeks ago

मोदी सरकार ने की 21वीं पशुधन-गणना की शुरुआत, महामारी निधि परियोजना भी लॉन्च की

नवीन अग्रवाल, डेयरी टुडे नेटवर्क, नई दिल्ली, 25 अक्टूबर 2024, केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और…

2 weeks ago