डेयरी टुडे नेटवर्क
पटना, 2 सितंबर 2017
दुग्ध उत्पादन में देश में नौवां स्थान रखनेवाला बिहार ऊपरी पायदान पर जगह बनाने के प्रयास में लग गया है. अगले पांच सालों में मौजूदा दूध उत्पादन को दोगुना करने की योजना है. इसके लिए गायों की नस्ल में सुधार की योजना है. पूर्णिया के मरंगा में फ्रोजेन सीमेन बैंक व बुल स्टेशन बनेगा. इससे उत्तर पूर्व के राज्यों को भी लाभ होगा. पिछले दिनों मुख्यमंत्री की समीक्षा बैठक में भी पशुपालन विभाग ने इस बाबत जानकारी भी दी थी. कृषि रोडमैप में भी दूध उत्पादन बढ़ाने पर जोर दिया गया है. इसके लिए युवाओं को डेयरी फार्मिंग से जोड़ा जायेगा.
राज्य में दूध का पर्याप्त उत्पादन हो रहा है. अभी राज्य में दूध की उपलब्धता प्रति व्यक्ति 229 ग्राम है. यह भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद की अनुशंसा से नौ ग्राम अधिक है. राज्य में अभी रोजाना 8709.65 एमटी दूध का उत्पादन हो रहा है. 2022 तक से बढ़ा कर 15990 एमटी करने की योजना है. दूध उत्पादन बढ़ाने के साथ-साथ दूध के प्रसंस्करण को भी राज्य सरकार बढ़ावा देगी. अभी राज्य में दूध प्रसंस्करण की क्षमता 2560 हजार लीटर प्रतिदिन की है.
दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए सरकार दुधारू पशुओं में खासकर गाय के नस्ल सुधार की योजना बना रही है. राज्य में अभी जो देसी गाय हैं, वो औसतन एक से दो किलो दूध देती हैं. संकर नस्ल वाली गायें औसतन 10 से 15 किलो दीध देती हैं. बिहार के पशुपालन निदेशक राधेश्याम साह ने बताया कि सरकार राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के सहयोग से पूर्णिया में फ्रोजेन सीमेन बैंक स्थापित करेगी. इसकी डीपीआर बन रही है. अभी इसकी लागत 60 करोड़ आ रही है. राज्य में अपनी तरह का पहली सीमेन बैंक होगा. यहां एक करोड़ मूल्य का सांढ़ रहेगा. इसके अलावा राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत डुमरांव में गोकुल ग्राम की स्थापना का प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा गया है. इस पर 18.65 करोड़ खर्च आयेगा.
साभार-प्रभात खबर
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