डेयरी टुडे नेटवर्क,
नई दिल्ली, 1 फरवरी 2018,
अपनी सरकार के आखिरी पूर्ण बजट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नजरें इनायत किसानों और गरीबों पर ज्यादा रही हैं। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 2018 के बजट में किसानों के लिए सौगातों की झड़ी लगा दी। किसानों की सबसे बड़ी समस्या है कि उन्हें अपनी उपज का उचित मूल्य नहीं मिल पाता है। इसके लिए मोदी सरकार ने किसानों के लिए प्रतिबद्धता को दिखाते हुए किसानों को उनकी लागत का डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य देने का ऐलान किया है। सबसे बड़ी बात यह है कि किसानों को डेढ़ गुना मूल्य देने के लिए बाजार मूल्य और एमएसपी में अंतर की रकम सरकार वहन करेगी। इसके साथ ही, मोदी सरकार ने किसानों के कल्याण के लिए 11 लाख करोड़ का फंड बनाने का भी ऐलान किया है। एक और महत्वपूर्ण बात यह है कि सभी फसलों को एमएसपी के अंतर्गत लाया जाएगा। वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार का लक्ष्य 2022 तक किसानों की आय दोगुना करना है।
देश में 86 प्रतिशत से ज्यादा छोटे या सीमांत किसान हैं। इनके लिए मार्केट तक पहुंचना आसान नहीं है। इसलिए सरकार इन्हें में ध्यान रखकर इन्फ्रास्ट्रक्चर का निर्माण करेगी। इसके लिए सरकार 22 हजार ग्रामीण हॉट को ग्रामीण कृषि बाजार में बदलेगी। 2,000 करोड़ से कृषि बाजार और संरचना कोष का गठन होगा। ई-नैम को किसानों से जोड़ा गया है, ताकि किसानों को उनकी उपज का ज्यादा मूल्य मिल सके। 585 EMPC को ई-नैम के जरिए जोड़ा जाएगा। यह काम मार्च 2019 तक ही खत्म हो जाएगा।कृषि उत्पादों के निर्यात को 100 अरब डॉलर के स्तर तक पहुंचाने का लक्ष्य भी सरकार ने रखा है। पीएम कृषि सिंचाई योजना के तहत हर खेत को पानी उपलब्ध कराने की योजना चलाई जा रही है। इसके तहत सिंचाई के पानी की कमी से जूझ रहे 96 जिलों को चिन्हित कर 2,600 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं।
मोदी सरकार की पशुपालकों एवं मछ्ली पालकों के लिए बजट 2018-19 में सौगात । #Budget2018 #NewIndiaBudget #NewIndia pic.twitter.com/0iGc7IjXXJ
— Radha Mohan Singh (@RadhamohanBJP) February 1, 2018
केंद्र सरकार ने कृषि के साथ ही किसानों की आय को बढ़ाने वाले दूसरे साधनों को प्रोत्साहित करने का फैसला किया है। सरकार ने 10,000 करोड़ रुपये से पशुपालन इंफ्रास्ट्रक्टर विकास और फिशरीज डेवलपमेंट फंड बनाने का ऐलान किया है। इस फंड से पशुपालन और मत्य पालन में लगे किसानों को ऋण दिया जाएगा। 1290 करोड़ रुपये से राष्ट्रीय बांस मिशन का गठन किया जाएगा। कृषि क्षेत्र को संस्थागत ऋण का आवंटन 2018-19 में बढ़ा कर 11 लाख करोड़ रुपये किया गया है। बड़ी संख्या में किसान कृषि लोन की सुविधा से वंचित रह जाते हैं, ज्यादातर ये बंटाईदार होते हैं और इन्हें बाजार से कर्ज लेना पड़ता है। वित्त मंत्री ने अनुसार नीति आयोग ऐसी व्यवस्था बना रहा है कि ऐसे किसानों को कर्ज लेने में सुविधा मिले।
केंद्र सरकार ने आलू, टमाटर, प्याज की कीमतों में उतार-चढ़ाव की समस्या से निपटने के लिए ऑपरेश ग्रीन्स का एलान किया है। इसके लिए 500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इसके तहत सालभर इन सब्जियों के उत्पादन पर जोर दिया जाएगा, ताकि इनकी उपलब्धता बनी रहे और दाम भी नियंत्रित रहें। वित्त मंत्री ने जैविक खेती को बढ़ावा देने पर भी जोर दिया है।
देश में खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में विकास पर मोदी सरकार का फोकस है, क्षेत्र 8 प्रतिशत वार्षिक की दर से वृद्धि कर रहा है। इसी को ध्यान में रखते हुए खाद्य प्रसंस्करण का बजट दोगुना कर दिया गया है। 42 मेगा फूड पार्क बनाने का भी प्रावधान किया गया है।
“सक्षम किसान- समृद्ध भारत”
बजट 2018-19 : एक किसान केंद्रित बजट #NewIndiaBudget #NewIndia pic.twitter.com/Jj5OSGNUT1— Radha Mohan Singh (@RadhamohanBJP) February 3, 2018
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