डेयरी टुडे नेटवर्क,
उत्तराखंड,2 जनवरी 2018,
नए साल के पहले दिन हरिद्वार स्थित पतंजलि योगपीठ पहुंचे केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने कहा कि कृषि भूमि को स्वस्थ व उपजाऊ बनाने के लिए केंद्र सरकार जैविक कृषि को बढ़ावा दे रहे हैं। उन्होंने उत्तराखंड को 2600 करोड़ रुपये की सौगात भी दी। वहीं उन्होंने पतंजलि की ओर से कृषि क्षेत्र में किए जा रहे प्रयासों की सराहना की।
कृषि मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार और पतंजलि योगपीठ मिलकर किसानों के हित के लिए कार्य कर रही हैं। पतंजलि देशभर में फूड प्रोसेसिंग श्रृंखला तैयार कर रही है। यह श्रृंखला किसानों के लिए समृद्धि लेकर आएगी। जब तक उपज का वेल्यू एडिशन नहीं होगा तब तक किसानों का उत्थान संभव नहीं है। पतंजलि इसके लिए महत्वपूर्ण कार्य कर रही है। आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि देश में कृषि के लिए पहले भी कई कार्य किए गए हैं। परंतु प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से किसानों को ज्यादा उम्मीदें हैं। पहाड़ से पलायन रोकने के लिए पतंजलि भरसक प्रयास कर रही है।
बाबा रामदेव ने कहा कि सातवां वेतन आयोग आने से कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति बेहतर होगी। पाश्चात्य नववर्ष के अवसर पर केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह यज्ञ भी किया। इस दौरान वैदिक गुरुकुलम, वैदिक कन्या गुरुकुलम, पतंजलि विश्वविद्यालय, पतंजलि आयुर्वेद कॉलेज के शिक्षक व छात्रा-छात्राएं उपस्थित रहे। यज्ञ के पश्चात् कृषि मंत्री ने पतंजलि ग्रामोद्योग तथा पतंजलि गौशाला का भी भ्रमण किया।
केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने कहा कि उत्तराखंड में कृषि विकास की धुरी सहकारिता को बनाने के लिए केंद्र सरकार 2600 करोड़ रुपये देगी। इतना ही नहीं प्रदेश के सभी 13 जिलों के लिए सहकारिता के माध्यम से विकास योजना की डीपीआर को मार्च तक अंतिम रूप दे दिया जाएगा। डामकोठी में पत्रकारों से वार्ता में उन्होंने कहा कि सहकारिता के माध्यम से पैक्स, भेड़-बकरी पालक संघ, डेयरी विकास, रेशम विकास, बुनकर सहकारिता, चीनी मिलें और सहकारी आवास संघ लाभान्वित होंगे। इस परियोजना के लिए सलाहकार संस्था का चयन कर लिया है। फील्ड में सभी समितियां सर्वे कर चुुकी हैं। इस परियोजना के माध्यम से जहां किसानों की आय दोगुना होगी वहीं पलायन रोकने में भी मदद मिलेेगी।
केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि नेशनल कोआपरेटिव डेवलपमेंट कारपोरेशन (एनसीडीसी) ने राज्य में कार्यरत सहकारी समितियां को सुदृढ़ करने के लिए 13 जिलों में आईसीडीसी परियोजना संचालित की है। राज्य के छह जिलों (पिथौरागढ़, नैनीताल, देहरादून, हरिद्वार, चमोली और टिहरी गढ़वाल) की परियोजनाएं पूर्ण हो चुकी हैं। राज्य सरकार को दूसरा चरण प्रारंभ करने की स्वीकृति प्रदान कर दी है। मंत्री ने कहा कि सहकारी समितियों को कार्यशील पूंजी जुटाने के लिए मार्जिन मनी और उनके मानव संसाधन विकास के लिए भी सहायता प्रदान की जाती है। उन्होंने कहा कि राज्य के 10 जिला सहकारी बैंकों को कंप्यूटरीकृत करने के लिए वित्तीय सहायता दी जा रही है। एनसीडीसी की ओर से 175 करोड़ रुपये की सहायता राशि प्रदान की है। इसमें आईसीडीसी के अंतर्गत 80 करोड़ रुपये दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य की सभी 4400 सहकारी समितियों को विकास कार्यों के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है। मौके पर शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक, उच्च शिक्षा राज्यमंत्री धन सिंह रावत, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट, जिलाध्यक्ष जयपाल सिंह चौहान आदि मौजूद रहे।
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