डेयरी टुडे स्टॉफ,
16 अगस्त 2017,
चीन पर बढ़ते कर्ज के बोझ को लेकर इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (आईएमएफ) ने उसे चेतावनी दी है. आईएमएफ का कहना है कि बढ़ता कर्ज चीन की इकोनॉमी को खतरनाक राह पर ले जा रहा है और चीन को आगे बड़ी मंदी का सामना करना पड़ सकता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन की ग्रोथ को लेकर ऐसा कदम उठाना होगा, जो कि लंबे समय तक कारगर हो. चीन के बैंकिंग सेक्टर पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं.
कर्ज में डूब रहा है चीन
आईएमएफ ने अपनी हाल की एक रिपोर्ट में चीन के कर्ज का जिक्र किया है. आईएमएफ की रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल चीन का कुल कर्ज वहां की जीडीपी का 235 फीसदी था. अगर इसी तरह से कर्ज बढ़ता रहा तो 2022 तक चीन पर कुल कर्ज वहां की जीडीपी का 300 फीसदी तक पहुंच जाएगा. यह चीन के लिए बड़ा संकट साबित हो सकता है.
क्यों बढ़ रहा है खतरा
रिपोर्ट में कहा गया है कि इस साल से चीन में इंफ्रास्ट्रक्चर और रियल एस्टेट में निवेश हो रहा है. जिसकी वजह से वहां की ग्रोथ तो बढ़ी है. लेकिन अब लगातार कर्ज बढ़ने से फाइनेंशियल क्राइसिस का खतरा बन गया है. चीन को अपनी खपत को और बूस्ट करने के लिए रिफॉर्म्स पर फोकस करना चाहिए.
मिड टर्म में आ सकती है मंदी
आईएमएफ ने इस साल चीन के लिए ग्रोथ का अनुमान 6.7 फीसदी पर कायम रखा है. रिपोर्ट के अनुसार ग्रोथ आउटलुक ठीक है, लेकिन यह ग्रोथ बढ़ रहे कर्ज की लागत पर है. ऐसे में चीन को मिड टर्म के लिए मंदी का सामना करना पड़ सकता है. हालांकि, रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि अगर मंदी आती है तो चीन के पास यह क्षमता है कि वह उस दौर से जल्द खुद काे उबार सकता है.
बैंकिंग सेक्टर पर भी मंडरा रहा है संकट
आईएमएफ ने रिपोर्ट में बताया है कि चीन के बैंकिंग सेक्टर पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं. कर्ज बढ़ने से पैसा वापसी में दिक्कतें आएंगी. ऐसे में बैंकों के कर्ज डूबने की स्थिति बन सकती है.
साभार-न्यूज 18
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