डेयरी टुडे नेटवर्क,
लखनऊ, 7 अगस्त 2018,
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी सोमवार को लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में राज्य के प्रगतिशील दुग्ध उत्पादकों को गोकुल पुरस्कार वितरित किए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश बहुत बड़ा बाजार है। बेहतरीन संसाधनों और संभावनाओं वाला उत्तर प्रदेश खुद में हर दुग्ध उत्पादक को आत्मनिर्भर बना सकता है, लेकिन आज सभी सब्सिडी की तरफ देखते हैं। सब्सिडी से कभी किसी का समाधान नहीं हुआ है और ना कभी होने वाला है। हमें मौजूद संभावनाओं को विकसित करना होगा। योगी ने पूछा कि प्रदेश में आखिर केवल 14 डेयरी ही क्यों काम कर रही हैं?
सीएम ने कहा कि हमें हर जिले में एक डेयरी की स्थापना करनी होगी, जिससे कि दूध के उत्पादन को बढ़ाया जा सके। पूर्व की सरकारों पर सवाल उठाते हुए सीएम ने कहा कि पहले प्रदेश में 65-70 डेयरियां हुआ करती थीं, लेकिन इनके संचालन के दौरान आई समस्याओं का समयबद्ध समाधान ना होने के कारण ज्यादातर को बंद कर दिया गया। अब वर्तमान सरकार ने इन्हें फिर से शुरू करने की दिशा में काम शुरू किया है। भविष्य में दुग्ध उत्पादकों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में काम किया जाएगा, जिससे कि उन्हें सब्सिडी के लिए हाथ फैलाने की जरूरत ना पड़े।
उत्तर प्रदेश में दुग्ध समितियों की सीमित संख्या के मुद्दे पर अफसोस जताते हुए सीएम ने कहा कि देश का सबसे बड़ा प्रदेश होने के बाद भी यहां सिर्फ 6735 दुग्ध समितियां ही मौजूद हैं। सीएम ने कहा कि यह स्थिति तब है, जबकि प्रदेश में 75 जिले, 350 तहसील और 653 नगर निकाय हैं। सीएम ने कहा कि प्रदेश में कुल 60 हजार के आसपास दुग्ध समितियां होनी चाहिए और दुग्ध विकास विभाग को इस दिशा में प्रभावी तरीके से काम भी करना होगा। सीएम ने कहा कि यूपी में दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में तमाम संभावनाएं हैं और अगर हम इन संभावनाओं का सदुपयोग करते हैं तो पीएम मोदी द्वारा निर्धारित किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य में हर एक प्रमुख भूमिका अदा कर सकता है। मुख्यमंत्री ने दुग्ध उत्पादन में कीर्तिमान स्थापित करने वाले 73 प्रगतिशील दुग्ध उत्पादकों को ‘गोकुल पुरस्कार’ से सम्मानित किया।
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