डेयरी टुडे नेटवर्क,
नई दिल्ली, 26 मार्च 2020,
कोरोना संकट से निपटने के लिए केंद्र की मोदी सरकार ने गुरुवार को राहत पैकेज का एलान किया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में गरीबों, मजदूरों, माइग्रेंट वर्कर्स, किसान, गरीब महिलाओं आदि के लिए 1.70 लाख करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा की। इसका नाम प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज है। वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार चाहती है कि कोरोना लॉकडाउन के इस वक्त में किसी भी गरीब व्यक्ति को मुश्किल का सामना न करना पड़े और उन्हें अन्न की कमी न हो। इसके अलावा सरकार ने सैनिटेशन वर्कर्स, सफाई कर्मचारी, डॉक्टर, आशा वर्कर्स, पैरामेडिकल स्टाफ, मेडिकल स्टाफ आदि कोरोना वॉरियर्स के लिए 50 लाख रुपये प्रति व्यक्ति के इंश्योरेंस कवर का एलान किया गया। वित्त मंत्री ने कहा कि ये सभी लोग अपनी जान को जोखिम में डालकर देश की जनता को कोरोना वायरस महामारी से बचाने की कवायद में जुटे हैं।
वित्त मंत्री ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना का भी एलान किया। इसके तहत राशन कार्ड धारक 80 करोड़ गरीब लोगों को अगले 3 माह तक राशन की दुकानों से 5 किलो अतिरिक्त गेहूं या चावल प्रति व्यक्ति को प्रतिमाह फ्री में मिलेगा। यह उन्हें मौजूदा मिलने वाले 5 किलो राशन के अतिरिक्त होगा। इसके अलावा प्रति परिवार को उनकी पसंद की 1 किलो दाल भी अगले 3 माह तक फ्री में दी जाएगी। इसके पीछे मकसद है कि संकट के इस दौर में कोई भी गरीब भूखा न रहे। यह पीएम गरीब कल्याण स्कीम का ही एक हिस्सा है।
सरकार ने कहा है कि पीएम किसान योजना के तहत 8.70 लाख किसानों के खातों में 2000 रुपये की किश्त अप्रैल के पहले सप्ताह में डाल दी जाएगी। इसके अलावा मनरेगा में दिहाड़ी बढ़ाकर 202 रुपये कर दी गई है। मनरेगा के तहत आने वाले 5 करोड़ लोगों को इसका लाभ मिलेगा। वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि गरीब बुजुर्ग, गरीब विधवा और गरीब दिव्यांगों को कोरोना संकट के इस कठिन वक्त में दिक्कत न हो इसलिए उन्हें अगले तीन महीनों तक 1000 रुपये अतिरिक्त मिलेंगे। ये दो किस्तों में डीबीटी के जरिए उनके बैंक खाते में जाएंगे।
सरकार ने महिलाओं को राहत देने के लिए जनधन अकाउंट धारक 20.5 करोड़ महिलाओं को अगले तीन माह तक 500 रुपये प्रति माह देने का फैसला किया है। यह राशि उनके खाते में आएगी. यह भी एलान किया गया है कि देश में 63 लाख महिला स्वयं सहायता समूहों के लिए कोलेट्रल फ्री लोन का अमाउंट 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर दिया गया है। इन समूहों से लगभग 7 करोड़ परिवार जुड़े हैं। उज्ज्वला योजना के तहत एलपीजी कनेक्शन धारक 8.3 करोड़ बीपीएल परिवारों को अगले तीन माह तक फ्री में सिलिंडर मिलेंगे।
वित्त मंत्री ने कहा कि फैसला किया गया है कि सरकार अगले तीन माह तक एंप्लॉयर व इंप्लॉई दोनों की ओर से ईपीएफ कॉन्ट्रीब्यूशन देगी। यानी इंप्लॉई व एंप्लॉयर दोनों की ओर से किया जाने वाला 12-12 फीसदी का कॉन्ट्रीब्यूशन यानी कुल 24 फीसदी कॉन्ट्रीब्यूशन अगले तीन माह तक सरकार देगी। यह फैसला उन सभी संस्थानों के लिए हैं, जिनके यहां 100 इंप्लॉई तक हैं और उन 100 इंप्लॉइज में से 90 फीसदी तक इंप्लॉई 15000 रुपये से कम की मासिक सैलरी पाते हैं। इससे 80 लाख से ज्यादा इंप्लॉई और 4 लाख से ज्यादा संस्थानों/प्रतिष्ठानों को फायदा होगा। इसके अलावा यह भी कहा गया है कि प्रोविडेंट फंड स्कीम के प्रावधानों में संशोधन होगा। इसके चलते वर्कर्स 3 माह के वेतन या पीएफ जमा का 75 फीसदी, जो भी कम हो नॉन रिफंडेबल एडवांस के तौर पर निकाल सकेंगे। इससे EPFO में रजिस्टर्ड 4.8 करोड़ वर्कर्स को फायदा होगा।
वित्त मंत्री ने कहा कि कंस्ट्रक्शन वर्कर्स की मदद के लिए वेलफेयर फंड रहता है। 3.5 करोड़ रजिस्टर्ड मजदूरों के लिए यह 31000 करोड़ का फंड उपलब्ध है। राज्यों को निर्देश दिए गए हैं कि कोरोना से पैदा हुए आर्थिक व्यवधान के दौर में इस फंड का इस्तेमाल इन कंस्ट्रक्शन वर्कर्स के हित के लिए किया जाए। इसके अलावा डिस्ट्रिक्ट मिनरल फंड को लेकर भी निर्देश दिए गए हैं। डिस्ट्रिक्ट मिनरल फंड राज्य सरकारों के पास रहता है. इसका इस्तेमाल स्वास्थ्य जांच, उपचार, दवाई में होना चाहिए ताकि कोरोना के खिलाफ जंग में मदद मिल सके।
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